 कुलवंत हैप्पी
जोर से थप्पड़ मारने के बाद धमकी देते हुए मां कहती है, आवाज नहीं, आवाज नहीं, तो एक और पड़ेगा। जी हां, मां कुछ इस तरह धमकाती है। फिर देर बाद बच्चा पुराने हादसे पर मिट्टी डालते हुए मां के पास जाता है तो मां कहती है कि तुम ऐसा क्यूं करते हो कि मुझे मारना पड़े।अब मां को कौन समझ... Read more |

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1:17am 26 Nov 2012 #
 कुलवंत हैप्पी
मेरी और जितेंद्र गोभीवाला की पहली मुलाकात आज से करीबन दस पहले हुई थी, जब मैं गांव से बठिंडा शहर पहुंचकर दैनिक जागरण में अपने कैरियर की शुरूआत कर रहा था, और जितेंद्र गोभीवाला की कामेडी भरपूर कैसिट 'कट्टा चोरी हो गया' रिलीज हुई थी। वो छोटी सी मुलाकात, कुछ समय बाद एक अच्छी ... Read more |

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2:11pm 22 Aug 2012 #
 कुलवंत हैप्पी
मैं कभी नहीं भूल सकता उस शख्स को, नहीं नहीं यार मेरा उसकी ओर कोई उधार बाकी नहीं, बल्कि यह तो वो शख्स है, जिसने जिन्दगी के कुछ साल मांगे थे, और मैं मना करके भाग आया था। बस उसकी बातों को साथ लेकर और एक शेयर, शेयर कर रहा हूं, जो इनकी जुबान से निकला था :)वक्त की वक्त से मुलाका... Read more |
 कुलवंत हैप्पी
आज हर कोई पैसा कमाना चाहता है, वो भी इतना कि वह अपने सपनों को साकार कर सके, लेकिन हिन्दुस्तान में नौकरी व्यवस्था ऐसी है कि वह आपको अमीर बनने भी नहीं देती और भूखा मरने भी नहीं देती। ऐसे में लाजमी है कि हर व्यक्ित ऐसा अवसर ढूंढता है जहां से वह अपने सपनों को साकार करने ... Read more |
 कुलवंत हैप्पी
लम्बे समय के बाद फिर से खुली खिडक़ी पर लौटा हूं। मुझे पता है कि आपको लोगों को मेरी अगली किश्त का इंतजार नहीं रहता, क्योंकि न तो मैं चेतन भगत हूं और न बिग अड्डा का अमिताभ बच्चन, एक साधारण भारतीय हूं, और कुछ लोगों की तरह मुझे भी डायरी लिखने का शौक है, पर सार्वजनिक रूप में, निज... Read more |
 कुलवंत हैप्पी
पिछला डेढ़ महीना, मेरे लिए बिरह का महीना रहा। इस दौरान कितने ही लोग अचानक जिन्दगी से चले गए, कुछ सदा के लिए और कुछ फिर मिलने का वायदा कर। हमारी कंपनी आर्थिक तंगी की चपेट में उस वक्त आई, जब आर्थिक तंगी के शिकार देश वेंटीलेटर स्थिति से मुक्त हो चुके थे, कहूँ तो हमारी किश्तियो... Read more |
 कुलवंत हैप्पी
इंदौर में मेरी सबसे पसंदीदा जगह है पितृ पर्वत। जहाँ पहुंचते ही मैं तनाव मुक्त हो जाता हूँ, शायद इसलिए कि वहाँ बुजुर्गों का बसेरा है, और मुझे बुजुर्गों के साथ समय बिताना ब्लॉगिंग करने से भी ज्यादा प्यारा लगता है, लेकिन शर्त है कि बुजुर्ग सोच से युवा होने चाहिए। यहाँ पर ब... Read more |
 कुलवंत हैप्पी
हैप्पी तेरा फोन, पास बैठे मेरे मित्र यशपाल शर्मा ने फोन को मेरी तरफ बढ़ाते हुए कहा। मैंने फोन को थामते हुए..हैल्लो हैल्लो किया, सामने से संदीप सर की आवाज आई, "हैप्पी तुमको आज दो बजे जयदीप सर ने रॉल्टा बजाज वाली बिल्डिंग में बुलाया है। मैं सीट से उठा, और पारूल को कहा, चलो जल्द... Read more |
 कुलवंत हैप्पी
गाँव के कच्चे रास्तों से निकलकर शहर की चमचमाती सड़कों पर आ पहुंचा हूँ। इस दौरान काफी कुछ छूटा है, लेकिन एक लत नहीं छूटी, फकीरों की तरह अपनी ही मस्ती में गाने की, हाँ स्टेज से मुझे डर लगता है। गाँवों की गलियाँ, खेतों की मिट्टी, खेतों को गाँवों से जोड़ते कच्चे रास्ते आज भी मुझे... Read more |
 कुलवंत हैप्पी
दो बजने में कुछ मिनट बाकी थे, और स्कूल की छुट्टी वाली घंटी बजने वाली थी, लेकिन हम दूसरे गाँव से पढ़ने आते थे, इसलिए हमारे लिए स्कूल की घंटी बजने से ज्यादा महत्वपूर्ण था बस का हॉर्न। उस दिन जैसे ही बस ने गाँव के दूसरे बस स्टॉप से हॉर्न दिया, तो हमारे गाँव के सब लड़के स्कूल के मु... Read more |
 कुलवंत हैप्पी
पिछले कई दिनों से उलझन में था, करूं या न करूं। दिल कहता था करूं और दिमाग कहता था छोड़ यार। वैसी ही स्थिति बनी हुई थी, जैसे प्रेमी को पहला पत्र लिखने के वक्त बनती है, कई कागद काले कर दिए, फिर फाड़कर फेंक दिए, ऐसे ही कई नाम लिखे और मिटा दिए, लेकिन कल रात एक मित्र की मदद करते हुए मैं... Read more |
 कुलवंत हैप्पी
कुछ दिन पहले बठिंडा से मेरे घर अतिथि आए थे, वो मेरे खास अपने ही थे, लेकिन अतिथि इसलिए क्योंकि वो मुझे पहले सूचना दिए बगैर आए थे, और कमबख्त इस शहर में कौएं भी नहीं, जो अतिथि के आने का संदेश मुंढेर पर आकर सुना जाएं। वो आए भी, उस वक्त जब मैं बिस्तर में था, अगर खाना बना रहा होता तो ... Read more |
 कुलवंत हैप्पी
गत 17 फरवरी से योग शिविर जा रहा हूँ, एक दोस्त के निवेदन पर, ताकि दोस्ती भी रह जाए और सेहत में भी सुधार हो जाए। योग शिविर में जाकर बहुत मजा आ रहा है, क्योंकि वहाँ पर बच्चा बनने की आजादी है, जोर जोर से हँसने की आजादी है, वहाँ पर बंदर उछल कूद करने की आजादी है। सुना तो बहुत बार है कि ... Read more |
 कुलवंत हैप्पी
मैं कल से क्यों नहीं डरता? मैं कल के बारे में क्यों नहीं सोचता? मेरी पत्नि अक्सर मुझ पर चिल्लाती है| चिल्लाए भी क्यों न वो, कल से जो डरती है, जिसके चक्कर में वो आज भी खो बैठती है। मुझे नहीं पता चला कब और कैसे मुझे आज से नहीं अब से प्यार हो गया। जो हूँ वैसा रहना मुझे पसंद है, चाह... Read more |
 कुलवंत हैप्पी
छ: फरवरी 2010 को सुबह सात बजकर 58 मिनट पर हिम्मतनगर (गुजरात) स्थित अस्पताल वरदान में इस नन्ही परी का जन्म हुआ। एक झलक खुली खिड़की के पाठकों और मेरे दोस्त जनों के लिए। फिलहाल नाम नहीं रखा गया, लेकिन मैंने उसको रिधम कहना शुरू कर दिया है। मेरे पास समय कम था, इसलिए दोस्त बस इतना सा ल... Read more |
 कुलवंत हैप्पी
एक फूल सा बच्चा, गली में खड़े पानी के कारण हुए कीचड़ के बीचोबीच मस्ती कर रहा है। उसको कितना आनंद महसूस हो रहा था, उसका तो अंदाजा नहीं लगा पाऊंगा। हाँ, लेकिन उसके चेहरे की खुशी मेरे दिल को अद्भुत सुकून दे रही थी।उसको कीचड़ में उछल कूद करते देख, घर के भीतर से उसकी माँ ने आवाज दी, ... Read more |
 कुलवंत हैप्पी
मेरी आदत है कि कहीं से कोई भी सामान खरीदने से पहले अपना पर्स जरूर चैक करता हूँ, क्योंकि मेरी जेब में पैसे बच जाए, मानो बिल्ली के पास दूध। हाँ, जब कभी ऐसा करने में चूक जाऊं या फिर मुश्किल में फँस जाऊं तो माँ की दुआ ही बचाती है। सच में माँ की दुआओं में बहुत शक्ति होती है। मैंने... Read more |
 कुलवंत हैप्पी
यही दिन थे (मई-जून), वेबदुनिया में आए अभी छ: महीने हुए थे। घर से कभी बाहर नहीं निकला था, इसलिए इन दिनों मैंने वेबदुनिया छोड़ने का मन बना लिया था, लेकिन कहते हैं ना कि समय से पहले और किस्मत से ज्यादा किसकी को कुछ नहीं मिलता, ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ, मुझे भी मेरे शहर वापिस जाना नह... Read more |
 कुलवंत हैप्पी
बचपन गुजर चुका था, और हम किशोर अवस्था से युवास्था की तरफ दिन प्रति दिन कदम बढाते जा रहे थे। ये उन्हीं दिनों की बात है। हम सब दोस्त एक कमरे में बैठकर इम्तिहानों के दिनों में पढ़ाई करते थे। पढ़ाई तो बहाना होती थी सच पूछो तो मौज मस्ती करते थे। कभी दलजिंदर के चौबारे में तो कभी क... Read more |
 कुलवंत हैप्पी
मुझे वो दिन कभी नहीं भूलता। उस दिन मैं काम कर कर बेसुध हो चुका था। मेरा शरीर गतीविधि कर रहा था, जबकि मेरा दिमाग बिल्कुल सुन्न हो चुका था, क्योंकि काम कर कर दिमाग इतना थक चूका था कि उसमें और काम करने की हिम्मत न थी। मैंने अपनी कुर्सी छोड़ी, और टहलने के लिए नीचे के फ्लोर पर चला ... Read more |
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