Blog: कलम से.. |
![]() 'मरहठ्ठी बेगम तुम क्या खुशनसीबी और वक़्त की फेर की बात कर रही हो जबकि सच तो ये है कि आज सारी ज़मीन पर कहीं भी कोई भी तलवारे अलाई का मुकाबला करने की हिम्मत और हिक़ामत नहीं कर सकता।'कह कर सुल्तान अलाउद्दीन खिलज़ी हंस पड़ा। दम्भी और वहशी हंसी। देवी छिताई कुछ क्षण उसकी वाहिशयान... Read more |
![]() हम्मीर हठ Hammir Hathशीघ्र प्रकाश्य ऐतहासिक उपन्यास #हम्मीर_हठ से‘मरहठ्ठी बेगम तुम क्या खुशनसीबी और वक़्त की फेर की बात कर रही हो जबकि सच तो ये है कि आज सारी ज़मीन पर कहीं भी कोई भी तलवारे अलाई का मुकाबला करने की हिम्मत और हिक़ामत नहीं कर सकता।’कह कर सुल्तान अलाउद्दीन खिलज़ी हंस ... Read more |
![]() अभिनय कला की देवि वो सिरमौर सभी नृत्यांगना कीरानी झांसी का ताप है उसमेशीतलता गंगा – जमुना कीह्रदय मे धधके अग्निशिखाराष्ट्र ध्वज के गरिमा कीलाड़ली बहादुर लड़की वोभारत मां के अंगना कीवालीवुड पर चलती हैअब एक हुकूमत कंगना की।–सुधीर मौर्य... Read more |
![]() किसी महान पुरुष से ही जाति या वंश की परम्परा चलती है। कभी कभी जब जाति की किसी पीढी मे कोई अन्य महान व्यक्ति जन्म ले लेता हे तो फ़िर उस वंश की आगे की पीढ़ियां उसके नाम से जानी जाती है।शाक्यों का वो महान वंश जिसमे गौतम बुद्ध, चंद्रगुप्त मौर्य, अशोक महान और चित्तौड़ नगर का निर्... Read more |
![]() स्वपन मे स्वपन मेरा पालती हैमेरी आँखों में आकर झांकती है।वो लड़की गॉव की उडती हवा सीकभी चंचल कभी अल्हड़ जरा सीकि उसकी देह पर तिफ्ली का मौसमयुगुल आंखें किसी काली घटा सी।वो एक बहती हुई अचिरावती हैस्वपन में स्वपन मेरा पालती है।उसकी बाते किसी नटखट के जैसेउसकी पलकें किसी... Read more |
![]() #रावण_वध_के_बाद नायिका प्रधान पौराणिक उपन्यास है। उन्नत रक्ष संस्कृति के विनाश के उपरांत लंका की राजसी स्त्रियों ने जिस प्रकार अयोध्या और किष्किंधा से नियंत्रित विभीषण के शासन के विरुद्ध सतत संघर्ष किया, उसकी रोमांचक गाथा इस उपन्यास में कही गई है। रावण की दुतीय प... Read more |
![]() तुमने बड़ी असभ्यता सेहमें घोषित कर दिया था असभ्यतुहारी इस घोषणा के साथ ही हैतुम बन गए थे सभ्यता के प्रतीकऔर फिर हमें असभ्य बताकरतुमने छीन लिए हमसेहमारे ही पहाड, जंगल और ज़मीनघोषित करके नदियों को पवित्रतुमने प्रतिबंधित कर दिया जल छूना तक हमारे लिए तुमने न केवल व्यं... Read more |
![]() उस समय मैं अपने लिखे जा रहे उपन्यास के किसी पात्र के ध्यान में मग्न था और मेरे होठों से हाँ निकल गया था जब उस लड़की ने मुझसे पूछा 'क्या तीन सौ से ज्यादा लड़कियों के साथ सेक्स संबंध रखने वाले संजय दत्त को तुम अच्छा समझते हो ?''मेरे जवाब पर जब उसने आँखे तरेर कर पूछा कैसे ?'तो बेध्... Read more |
![]() 'मेरे ग्रुप को ज्वाइन करोगी ?'लड़के ने पूछा।'नो मैं ग्रुपबाजी नहीं करती।'लड़की बेपरवाही से बोली।'फिर क्या करती हैं ?'लड़के ने साहस बटोर कर पूछा लिया।'अड्डेबाज़ी।'लड़की का स्वर पहले से भी ज्यादा बेपरवाह हो चला था।--सुधीर मौर्य ... Read more |
![]() मेरी स्वर्गीय मित्र निधि जैन ने मेरे उपन्यास देवलदेवी पर ये समीक्षा लिखी थी। अब जबकि इस उपन्यास का दूसरा संस्करण आया है तो मुझे निधि की कमी बहुत खल रही है।देवलदेवी की प्रीबुकिंग अमेज़न पर शुरू है।फेसबुक और whatsapp पर जुड़ने के बाद से मेरा मोबाइल हाथों से छोड़ना अत्यंत द... Read more |
![]() Redgrab books की नई किताब - देवलदेवीइस उपन्यास की नायिका अन्हिलवाड़ की राजकुमारी देवलदेवी है, पर इसका कथानक खुसरोशाह के बिना पूरा नहीं हो सकता। देवलदेवी और खुसरोशाह भारतीय इतिहास के वो रोशन सितारे हैं जिन्हें हमेशा बादलों या कुहासे के पीछे रहना पड़ा। खुसरोशाह अन्हिलवाड का वो ... Read more |
![]() Sweet Sixteen - Hindi Novel कहानी है एक बेहद गरीब और दलित लड़के कुणाल की जो स्नातक की पढ़ाई के लिए शहर आता है। कुणाल के पिता अपने क्षेत्र के हरिजन कोटे के विधायक के घर पे नौकर है इस वजह से कुणाल को बिधायक बिंदर के शहर में मिले खाली पड़े सरकारी आवास में रहने का अवसर मिल जाता है। इस तरह कुणाल ... Read more |
![]() वोसिर्फएकलड़कीभरनहींथीबल्किउसमेस्वर्गकीअप्सराकेगुणभीविद्यामनथे।अभीउसकालड़कपनउसकेसाथथा।बमुश्किलउसनेअबतकसोलहदीवालीहीदेखीथी।मेरीउम्रभीउससमयअठारहयाउन्नीसहोगी।उससेकोईदोयातीनसालमैंबड़ारहाहूँगा।यानीहमदोनोंउम्रकेउसपड़ावपेथेजहाँआकर्षणप्यारकेनामसे... Read more |
![]() भाग - १ मेरेपिताज़मीदारनहींथेपरउनकारुतबाकिसीज़मीदारसेकमनहींथा।उनकारुतबाहोताभीकैसेकमवोएकज़मीदारकेबेटेऔरज़मीदारभाईथे।मेरेपितातीनभाईथेऔरतीनोमेंवेछोटे। मेरे पिता के दोनों बड़े भाई स्कूल से आगे नहीं गए। सच तो ये प्राइमरी स्कूल से ज्यादा पढ़ने की उन्होंने नहीं ... Read more |
![]() अरीबा उपन्यासलेखक - सुधीर मौर्य Publisher: Aman Prakashan, Kanpur (2017)ISBN-10: 9385476963ISBN-13: 978-9385476969हार्ड बाउन्ड:- २५० रुपय पेपरबैक:- १२५ रुपय Aman Prakashan104 A / 80 C, RambaghKanpur - 208012Uttar Pradesh (INDIA)Contact For Office Phone No. :- 0512-2543480Mobile No. :- 09839218516Mobile No. :- 08090453647Fax No. :- 0512-2543480Mail For OfficeMail ID : info@amanprakashan.comMail ID : amanprakashan0512@rediffmail.com#अरीबा उपन्यास की एक झलक।#दिविता:- सुंदर... Read more |
![]() उत्तेजकऔररोमांटिकम्यूजिकअपनेचरमपरथा।इसतेजसंगीतऔरगलेसेनीचेउतरेविह्स्कीऔरवोडकाकेअसरनेअपनेपरायेकाभेदखत्मकरदियाथा।रेवपार्टीमेंसाथआयेकपल्सअबसाथनहींथे।कोईकिसीकेसाथतोकिसीकेसाथझूमरहाथा।जिसेआजसेपहलेदेखातकनहींथाउसेचूमरहेथे।एकदूसरेकीबाहोंमेंमचल... Read more |
![]() मेरी एक दोस्त है। बड़े बड़े ख्वाब देखने वाली और उन ख्वाबो को पूरा करने के लिए पूरा जोर लगाने वाली। अचानक मुझसे मिली और कहा की न्यूज़ पेपर में इश्तिहार देकर और कोर्ट से हलफनामा बनवाकर वो अपना नैम चेंज करवाना चाहती है। 'क्यों वाणी ऐसा क्या हुआ जो तुम अपना नाम बदलना चाह... Read more |
![]() उपन्यास पहला शूद्र के साथ रामप्रसाद राजभर जी पहला शूद्रसप्त-सैंधव की षड्यंत्र गाथालेखक सुधीर मौर्या जी की सद्य: प्रकाशित कृति है !इतिहास को जितने युगो या विभागो में बांटा गया है उसमें सबकी अलग-अलग अभिरूची होती है पर इतिहास आकर्षित करता है!सप्त- सैंधव यानि सात नदियो... Read more |
![]() ओ मेरी ज़िन्दगी की कविता लिखने वाली लड़की !जानती हो तुम्हारी लिखी उदास नज़्मे तो अच्छी लगती हैं पर तुम उदास अच्छी नहीं लगतीहो सके तो भोर के नीम उजाले में अपनी मुंडेर लाँघ के मेरी अटारी से अपनी उदास नज़्मो के बदले ज़िन्दगी का एक ख्वाब ले लो। --सुधीर ... Read more |
![]() पौराणिक उपन्यास 'पहला शूद्र'लेखक - सुधीर मौर्य बहुत कम लोग होते है जो साहित्यिक राजनीति से कोशो दूर, पुरष्कार लालसा से मीलो दूर और बिना किसी ढोल नगाड़ा के साहित्य सेवा में नौकरी करते हुए इतने मन से समर्पित रहते है। ऐसे ही है अपने Sudheer Maurya जी। नौकरी करते हुए उनकी अब तक... Read more |
![]() ओ मेरी सुघड़ देवि !मैं कामना करता हूँ कि तुम लौट आओ मेरी ज़िन्दगी में और बचा लो मेरी बची हुई उम्र को शापित होने से। ओ मेरी सुघड़ देवि !मैं दुआ मांगता हूँ सोते - जागते हर घडी कभी अपने तो कभी तुम्हारे देवताओं से कि वो भेज दें तुम्हे मेरे संग उस राह पे जिसक... Read more |
![]() मिसेजसचानआजमुझकोदूसरीबारदेखरहीथीऔरदेखतेहीमुझसेमुलाकातकीख्वाहिशमंदहोउठीथी।उनकीयेख्वाहिशमैनेउनकीआँखोंमेंबखूबीपढ़ीथी।मैंएकलेखकहूँऔरलोगमुझेभावनाओकाचितेराकहतेहैं।तोभावनाओकेचितेरेरोमांटिककहानियांलिखनेवालेएकलेखककेलिए किसीऔरतकीआँखोंकीभाषापढ़न... Read more |
![]() पुस्तक - पहला शूद्र (वैदिककालीन उपन्यास) लेखक - सुधीर मौर्य प्रकाशक - रीड पब्लिकेशन पृष्ठ - १५२ पेपरबैक ISBN-13: 978-8190866446समीक्षक - गंगाशरण सिंह Sudheer Maurya जी जी ऐसे लेखक मित्र हैं जो अमूमन न मुझे पढ़ते हैं न मैं उन्हें :)कहा जा सकता है कि हमारी मित्रता के बीच हमारा लिखना पढ़ना... Read more |
![]() Pahla Shudra Novel By Sudheer MauryaPahla Shudra ... the story of the King Sudas who was a great warrior and the Hero of Aryans. He was the first Aryan who established Aryans' Empire ... but unfortunately he was trapped by his own priest who made him First Shudra.Amazon Link:-http://www.amazon.in/Pahla-Shudra-Sudheer-Maurya/dp/8190866443/ref=sr_1_8?s=books&ie=UTF8&qid=1487759842&sr=1-8&keywords=shudra ... Read more |
![]() तुम हंसती अच्छी लगती हो। कुछ फूल है मेरे दामन मेंमैं सोचता हूँ इस सावन मेंतुमको ये अर्पित कर दूंगा मन अपना समर्पित कर दूंगा।तुम हंसती अच्छी लगती होतुम फूल सी मुझको दिखती होतुम देवी हो सुंदरता कीमुझे परियों सी तुम लगती हो।जब फूल खिलेंगे बागों मेंतब आ जाना तुम बाहो... Read more |
Share: |
|
|||||||||||
और सन्देश... |
![]() |
कुल ब्लॉग्स (4017) | ![]() |
कुल पोस्ट (192859) |