आज एक मासूम का सुरक्षित नहीं है मान सम्मान और जहान।आखिर बेटियों को क्यों शिकार बना रहा है हर उम्र का इंसान।क्या हमारी सामाजिक व्यवस्था का धवस्त हो रहा है तान बान।या आज के माता पिता नहीं बना पा रहें बच्चों को संस्कारवान ।क्या नंबरों की होड़ वाली शिक्षा व्यवस्था का भी ... |
आज एक मासूम का सुरक्षित नहीं है मान सम्मान और जहान।आखिर बेटियों को क्यों शिकार बना रहा है हर उम्र का इंसान।क्या हमारी सामाजिक व्यवस्था का धवस्त हो रहा है तान बान।या आज के माता पिता नहीं बना पा रहें बच्चों को संस्कारवान|क्या नंबरों की होड़ वाली शिक्षा व्यवस्था का भी ह... |
कब तक ज्यादिती# की बेदी# पर बेटी# चढ़ती रहेगी रोज।जन्म से पहले ही तो सुरक्षित नहीं थी माँ की कोख ।दुनिया में आने से पहले अपने ही लगा रहे थे रोक ।जैसे तैसे इस दुनिया में बेटी ने जन्म लिया एक रोज ।क्या पता पहले से ही ताक पर बैठे मिलेंगे दरिंदे लोग ।किस से बचाये अपने को न जाने क... |
तय# होते रहें सफ़र# ए जिंदगी# !कुछ की गोद में है खेले ,कुछ की ऊँगली पकड़ चलना सीखे ।तो कुछ सीख देकर चले गए,तय होते रहें सफ़र ए जिंदगी ।कोई कम उम्र में ही छूटे,तो किसी के जीवन बहुत लंबे बीते ।एक एक कर साथ छुटे , तय होते रहें सफ़र ए जिंदगी ।किसी से अपने थे रूठे, तो किसी को अपनों ने दि... |
अब तो #इंतज़ार में ही #नफा है !गुजर जाते हैं हर बार सामने से नजर मिला न सका है ।वो भी तो कभी कुछ कहते नहीं न जाने क्या रजा है ।कह सकूँ दो बातें उनसे कोशिश भी की कई दफा है ।मेरी नादानियां कहीं ऐसे ही उन्हें कर न दे खफा है ।नाराजगियां उनकी कहीं यूँ ही न बन जाये सजा... |
दिल# में न जाने कितने गम# छुपाये रखे सीने# में ।यहाँ मिलता है हर शख्स मुस्कराहट के साथ,दिल में न जाने कितने गम छुपाये रखे सीने में ।लड़ता है वक्त बेवक्त आती परेशानियों के साथ ,मशरूफ हो जाता कुछ इस तरह जिंदगी जीने में ।मिलता है मौका तो खुश हो लेता हैं अपनों के साथ ,हौसले यूं ह... |
न फूलों की रंगीनी रही न ही खुशबु रही ,न ही वो ठंडक लिए खुशनुमा मौसम सुहाना ही रहा ।न तो फूल और न ही क्यारियां रही ,और न ही हमारा आँगन परिंदों का ठिकाना ही रहा ।न तो वक्त है और न ही वो जगह रही,कहाँ वो पंछियों के दानापानी देने का जमाना ही रहा ।जो बची थी आसपास थोड़ी जगह ,वो आजकल ... |
खिचे# चले आते हैं तेरीओर# ,जरूर तुझमे ऐसी हंसी# अदा# है!मिल ही जाते हो यूँ ही जब तब,क्या तेरा मेरा कोई वास्ता है ।बढ़ने लगी है गुफ्तगू रोज,फिर भी कहने को और बचा है ।खिचे चले आते हैं तेरी ओर ,जरूर तुझमे ऐसी हंसी अदा है ।एक सुकून देता है तेरा साथ,लगता है तू कोई इक फरिश्ता है ।मु... |
कोशिश# हो लक्ष्य# को छोटा करने या बदलने# की !जब लड़खड़ा जाते हैं लक्ष्य का पीछा करते करते,एक कोशिश होती है फिर संभलकर चल पड़ने की,कमियों और कारणों के निराकरण और सुधार से ।जब नही मिलती सफलता बार बार के प्रयासों से ,कभी सोचना पड़ता है की कमी है मेरे प्रयासों की,या फिर नहीं है समर्... |
जल जाये कलह और क्लेश ,साथ होलिका दहन के इस बार । मिट जाए इस धरा का सूखा ,ऐसे भिगोये पिचकारी की धार ।गुझिया की मिठास के संग ,जीवन हो खुशियों से सरोबार।मस्ती और उल्लास के साथ ,शुभमंगल हो होली का त्यौहार । ... |
रियल लाइफ के अभिनय की ख़त्म कर कहानी ।आसमान के परदे में जा मिली एक और चांदनी ।बेशक हर लम्हे हमें उनकी कमी पड़ेगी सहनी ।कला जगत के लिए यह तो क्षति है अपूरणीय ।अब तो अभिनय के लिये पर्दा होगा आसमानी ।जहां संग होंगे बॉलिवुड के कलाकार रूहानी ।खुदा गवाह है की वे अदाकारा थी बड़ी स... |
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February 25, 2018, 10:01 pm |
करनी चाहिए मदद अपनों की जरुरत पर हर दफा ।जरुरी है अपनों की खुशियों का ध्यान रखना सदा ।पर हर बात पर नही मिलायी जा सकती हाँ में हाँ ।कभी यही आदत बन जाती है परेशानी भरा जहां।ये सोचकर कि इंकार न कर जाये अपनों को खफा ।और ढोते रहते हैं बोझ उस हाँ का बुझे मन से हमेशा ।बातें जो करे... |
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February 21, 2018, 11:11 pm |
करनी चाहिए मदद अपनों की जरुरत पर हर दफा ।जरुरी है अपनों की खुशियों का ध्यान रखना सदा ।पर हर बात पर नही मिलायी जा सकती हाँ में हाँ ।कभी यही आदत बन जाती है परेशानी भरा जहां।ये सोचकर कि इंकार न कर जाये अपनों को खफा ।और ढोते रहते हैं बोझ उस हाँ का बुझे मन से हमेशा ।बातें जो करे... |
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February 21, 2018, 11:11 pm |
चल पड़ता हूँ सफ़र पर एक अजनबी के साथ ,अपनी मंजिल पर पहुचने के लिए ।ठहर जाता हूँ एक रात अनजान सराय पर ,दिन भर की थकान मिटाने के लिए ।खरीद लाता हूँ सामान नुक्कड़ की दुकान से ,तुरंत की भूख और प्यास मिटाने के लिए।पहुच जाता हूँ एक अनजान वैध के पास ,बीमार और बिगड़ी सेहत सुधरवाने के लि... |
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February 17, 2018, 2:09 pm |
#साहिल पर तो आये #रिश्तों की #कश्तियाँ ।यूँ ही अनजाने में जो कर बैठे हैं गुस्ताखियाँ ।अब तो बढ़ चले हैं फासले और रूसवाइयां ।कुछ तो कम हो ये पल पल सताती दुशवारियाँ।आओ तोड़े अब ये चुप्पी और खामोशियाँ ।दूर करें ग़लतफ़हमी जो है तेरे मेरे दरमियान ।न हो सकें सुलह ऐसी तो न होगी मज... |
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February 10, 2018, 7:16 am |
सपनों के पीछे भागती भीड़ से परे ,जहां कोई व्याकुल कोलाहल न करे ,जहाँ कोई सफलता का अभिमान न धरे ,जहाँ निश्चल मन की मासूमियत न मरे ,अनुकूल वातावरण में फैले क्षितिज के तले , आपसे अकेले में बातें करनी है !कभी रोज की दौड़धूप से फांका तो करो ,सपनों की दुनिया से बाहर झाँका तो क... |
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February 2, 2018, 9:14 am |
तेरी फ़िक्र इस कदर किये जाते है ,जहां भी जायें तेरा जिक्र किये जाते हैं ।महफ़िलों का दौर है सजा , जाम पर जाम है छलका ।इस हंसी दौर में तेरे होने की ख्वाइश किये जाते है । तेरी फ़िक्र इस कदर किये जाते है ,..............|कुछ तो है तेरे नाम का नशा , हर जगह है तेरी ही सदा ।ते... |
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January 9, 2018, 11:14 pm |
जब तक थे तुम साथ तुम्हारे होने की न हुई कद्र।तेरे न होने पर समझ आई तेरी अहमियत।साथ चलते रहे कदम कभी न किया कोई फ़िक्र ।तेरे जाने के बाद समझ आई तेरी काबिलियत।यूँ ही मिलते रहे रोज, कभी न मनाया शुक्र।तेरी कमी से रिश्तों की समझ आई असलियत ।सुनते रहे ख़ामोशी से हर बात कभी न किय... |
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December 24, 2017, 11:57 am |
#कम न हो #नये की #चाहत ।।कुछ अलग और नये की चाहत , पुराने से ऊबने और उबरने की चाहत । तो कर गुजरते है कुछ अलग ,मिलती तसल्ली और होती है राहत ।छूटते है अपने और होते आहत , कुछ टुटता है बिखरती है सहूलियत । जब चल पड़ते करने को कुछ अलग ,होती है ख़ुशी हर लम्हा सुखद । उड़ती है नींदे हो... |
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December 17, 2017, 11:08 pm |
मस्तियाँ और खुमारियों का छाया है आलम ,रंग बिरंगी रोशनियाँ से बरात ए जश्न है रोशन ,अपनी पसंद की बाराती बजवा रहे है धुन ,बच्चे, महिलाएं और बुजुर्गों के थिरके है कदम ।बरातियों के नकारात्मक व्यवहार से न होकर खिन्न ,हो पसीने से तरबतर बजा रहे है हर पसंदीदा धुन ,बिजली के तार... |
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December 10, 2017, 11:42 pm |
दिन भर की कड़ी मेहनत से थक कर चूर ,शाम ढलते ही सभी चिंताओं से दूर ,कर रहें है सब मिलकर सामना भरपूर ,ठण्ड जो कुछ ज्यादा ही हो रही क्रूर ।तन पर गर्म कपड़े लिबास नही है प्रचुर ,जो बेशक फुटपाथ पर रहने को है मजबूर ,जलाकर अलाव से गर्मी का पाया सुरूर ,आग की लौ से चेहरे पर सुकूँ का है नूर ... |
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December 6, 2017, 10:13 pm |
यह इंसान की पतित विकृत मानसिकता का प्रभाव है ,या भौतिकवादी इंसान की नैतिक सोच का आभाव ?यह धड़ल्ले से परोसी जा रही अश्लीलता का प्रभाव है ,या इंसान के अच्छे बुरे में अंतर की सोच का आभाव ?यह मन में सुलग रही हवस की चिंगारी का प्रभाव है ,या मन की अनैतिक इक्च्छाओं पर नियंत्रण का... |
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September 13, 2017, 6:27 pm |
आज़ादी के अपने मायनों का जहान, मेरा प्यारा हिन्दुस्तान ।कोई देश के लिए जी जी जान से लड़ता ,कोई देश के खिलाफ जहर उगलता ।कोई अपने कर्तव्यों पर खरा उतरता ,कोई सिर्फ अपने हकों के लिए लड़ता ।कोई अभावों में भी खुश रह जाता ,किसी को सब कुछ मिलने पर भी डर सताता ।फिर भी मेरा देश महान , ... |
💐भाई- बहिन के अपार स्नेह और अटूट बंधन के पावन पर्व की कोटिशः बधाइयाँ एवं शुभकामनाएं । 💐🌹🌷शुभ एवं मंगलमय रक्षाबंधन । 🌺🙏... |
खुलकर मुस्कुराने दो हमें ,न दबे बचपन किताबों के बोझों के तले ।फूलों की तरह खिलने दो हमें ,न झुलसे मासूमियत बड़ों के अरमानों के तले ।बातें करने दो आसमानों से हमें ,न गुजरे ये बचपन चाहरदीवारों के तले ।भीग जाने दो बारिश में हमें ,न रोको लेने दो मौसम के खुलकर मजे ... |
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