Blog: बातें-कुछ दिल की, कुछ जग की
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 Kailash C Sharma
हमारी कथनी और करनी में कितना अंतर है इसका सबसे बड़ा उदाहरण हमारी हिंदी के प्रति सोच और व्यवहार है. सार्वजनिक मंच पर हिंदी को प्रशासन और जनसाधारण की एक मात्र भाषा बनाने की प्रतिज्ञा लेकर जब हम अपने घर या कार्यस्थल पर पहुंचते हैं तो हमारी सोच और व्यवहार बिलकुल बदल जाते है.... Read more |
 Kailash C Sharma
क्या मैं सदैव सत्य बोलता हूँ?बोल पाता हूँ?क्यूँ ?एक ऐसा प्रश्न जिसका उत्तर आसान भी है और बहुत कठिन भी. बहुत आसान है यह कहना कि जिसे मेरा मन या अंतरात्मा सच मानता है उसे मैं बिना किसी भय या परिणाम की चिंता किये स्पष्ट कह देता हूँ, क्यूँ कि ऐसा करने से मेरे मन को संतुष्टि मिल... Read more |
 Kailash C Sharma
अप्रैल माह रविवार की एक भीगी भीगी सी सुबह थी. खिड़की से बाहर झांकती सुमन बोली ‘रमेश, बाहर देखो कितना सुहावना मौसम है. रात भर ओले और तेज बारिस के बाद बाहर कितना अच्छा मौसम हो गया है. बहुत दिन हो गए गर्मी में घर में बैठे बैठे. चलिए कहीं पिकनिक पर चलते हैं बच्चों के साथ.’‘ठीक है ... Read more |
 Kailash C Sharma
जब दामिनी के साथ घटे वीभत्स कृत्य पर सारा देश आक्रोश से उबला तो एक आशा जगी थी कि देश में स्त्रियों के प्रति हो रहे अपराधों के प्रति व्यवस्था और जनता जागरूक होगी और इन अपराधों में कमी आयेगी. लेकिन क़ानून में बदलाव और सुधार के बाद भी आज भी प्रतिदिन इन घटनाओं में कोई कमी नहीं... Read more |
 Kailash C Sharma
कविता वर्मा जी के कहानी लेखन से पहले से ही परिचय है और उनकी लिखी कहानियां सदैव प्रभावित करती रही हैं. उनका पहला कहानी संग्रह “परछाइयों के उजाले” हाथ में आने पर बहुत खुशी हुई. पुस्तक को एक बार पढ़ना शुरू किया तो प्रत्येक कहानी अपने साथ भावों की सरिता में बहा कर ले गयी. ... Read more |
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श्री विजय कुमार जी का कहानी संग्रह ‘एक थी माया’हाथ में आते ही उसके आवरण ने मंत्र मुग्ध कर एक माया लोक में पहुंचा दिया. जब मैं पुस्तक के पृष्ठपलट ही रहा था कि मेरी धर्म पत्नी जी मेरे हाथ से पुस्तक लेकर देखने लगीं और बोलीं कि विजय जी की नयी पुस्तक है. मुझे विश्वास था कि उन्ह... Read more |
 Kailash C Sharma
समाचार पत्रों में सुबह सुबह हमारे किशोरों की गंभीर अपराधों में शामिल होने की खबरें जब अक्सर देखता हूँ तो पढ़ कर मन क्षुब्ध हो जाता है. कुछ दिन पहले समाचार पत्रों में खबर थी कि चार किशोरों ने कक्षा से १२ साल के लडके को बाहर खींच कर निकाला और चाकुओं से उसे घायल कर दिया. उसक... Read more |

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6:54am 15 May 2012 #
 Kailash C Sharma
एक समय था जब बुज़ुर्गों की तुलना घर की छत से की जाती थी जिसके आश्रय मेंपरिवार के सभी सदस्य एक सुरक्षा की भावना महसूस करते थे, लेकिन आज वही छत अपने आपके लिये सुरक्षा की तलाश में भटक रही है. टूटते हुए संयुक्त परिवार, निज स्वार्थकी बढती हुई भावना, शहरों में परिवार के सदस्यों... Read more |

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2:33pm 10 Mar 2012 #
 Kailash C Sharma
भ्रष्टाचार केवलवर्तमान समय की देन नहीं है. यह हरेक युग में किसी न किसी रूप में विद्यमान रहाहै, यद्यपि इसका रूप,मात्राऔर तरीके समय समय पर बदलते रहे हैं. कौटिल्य नेअपने ग्रन्थ ‘अर्थशास्त्र’ में राज कर्मचारियों द्वारा सार्वजनिक धन के दुरुपयोग के तरीकों का विषदवर्ण... Read more |

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8:36am 11 Jan 2012 #
 Kailash C Sharma
बचपन से हमें सिखाया जाता रहा है कि संवेदनशीलता और सहनशीलता सफल जीवन के मूल मन्त्र हैं. हमारे सभी प्राचीन ग्रन्थ और सभी धर्म सहनशीलता और सहअस्तित्व का महत्व बताते रहे हैं. लेकिन आज हम जब अपने चारों ओर नज़र डालते हैं तो देखते हैं कि हम अपने व्यक्तिगत, सामाजिक और ध... Read more |

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8:39am 22 Nov 2011 #
 Kailash C Sharma
सम्पूर्ण देश में कल बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक विजयादशमी का उत्सव मनाया गया और बुराई के प्रतीक रावण का पुतला बड़े उत्साह से जलाया गया. सारा देश श्री भगवान राम के जय घोष से गूंज रहा था. आज सुबह समाचार पत्र में एक समाचार पढ़ कर मन क्षुब्ध होगया और लगा कि हमारी सोच कि ... Read more |

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1:59pm 7 Oct 2011 #
 Kailash C Sharma
आजकल देश के अधिकाँश भाग में नवरात्रि का उत्सव मनाया जा रहा है. आदिशक्ति दुर्गा का पूजा अर्चन सभी जगह अपनी अपनी परंपरानुसार किया जा रहा है. नौ दिन दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है और सभी जगह वातावरण भक्तिमय हो जाता है. उत्तर भारत में दुर्गा अष्ठमी को, जो नवरात्र... Read more |

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9:43am 30 Sep 2011 #
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