Blog: सिनेमा जगत Cinema Jagat
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 Rajesh Tripathi
मन्ना दे का जाना संगीत के एक युग का अंतराजेश त्रिपाठीगुरुवार 24 अक्तूबर की सुबह भारतीय संगीत जगत के लिए एक दुखद खबर लेकर आयी। लंबी बीमारी झेलने के बाद इसी दिन भारत के महान संगीत शिल्पी, जनप्रिय गायक मन्ना दे ने बेंगलूरु में अंतिम सांस ली। वे 94 वर्ष के थे। उन्हें पिछले ... Read more |

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7:28am 24 Oct 2013 #
 Rajesh Tripathi
चला गया कर्मनिष्ठ, ईमानदार भला आदमी-राजेश त्रिपाठीअगर किसी एक ऐसे शख्स का नाम जानना हो जो एक साथ कई व्यक्तित्व जी चुका हो, जिसे फिल्मी परदे पर देख बड़ों-बड़ों के दिल सहम जाते थे और जो परदे के बाहर बहुत ही प्यारा, मददगार और सबका यार हो तो आपकी तलाश बस एक नाम पर आकर टिक जायेग... Read more |

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10:46am 13 Jul 2013 #
 Rajesh Tripathi
-राजेश त्रिपाठीजिंदगी में जो पहली हिंदी फिल्म ‘सीमा’ देखी थी उसमें लता मंगेशकर का गाया एक प्यारा गीत था- ‘ छोटी-सी गुड़िया की सुनो लंबी कहानी।’ लता का अपना लंबा सुरीला सफर , एक गुड़िया-सी बच्ची के जिंदगी के जद्दोजेहद में अपनी प्रतिभा के बलबूते नाकुछ से लोकप्रियता के शि... Read more |

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3:56pm 12 Nov 2011 #
 Rajesh Tripathi
नाटक से फिल्म तक-राजेश त्रिपाठी2 नवंबर 1897 को बंबई में जन्मे सोहराब मोदी का बचपन रामपुर में बीता, जहां उनके पिता नवाब के यहां सुपरिंटेंडेंट थे। नवाब रामपुर का पुस्तकालय बहुत समृद्ध था। रामपुर में ही सोहराब मोदी ने फर्राटेदार उर्दू सीखी। अभिनय की प्रारंभिक शिक्षा उन्ह... Read more |

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2:46pm 30 Sep 2011 #
 Rajesh Tripathi
फिल्म जगत के एक महत्वपूर्ण स्तंभ-राजेश त्रिपाठीअमृतसर के जिले के नोरवाल में जन्मे केदार शर्मा के माता-पिता बचपन में यही समझते थे कि उनसे कुछ काम-धाम नहीं हो पायेगा। लेकिन केदार शर्मा तो किसी और धातु के बने थे। उनमें बचपन से ही संघर्ष करने का जज्बा था और थी दिल जिस च... Read more |

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3:14pm 19 Oct 2010 #
 Rajesh Tripathi
बिमल रायअपनी शुरू-शुरू की फिल्मों में जमींदारी प्रथा का विरोध करने वाले विमल राय खुद जमींदार परिवार के थे। बिमलचंद्र राय का जन्म 1909 में तत्कालीन पूर्व बंगाल (अब बंगलादेश) के एक गांव के जमींदार परिवार में हुआ था। बंगाल की ग्रामीण लोकधुनों के बीच वे पले-बढ़े , जो बाद में उ... Read more |

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1:33pm 22 Sep 2010 #
 Rajesh Tripathi
महबूब खानराजेश त्रिपाठीछोटे कद और बुलंद हौसले वाले महबूब खान का जन्म गुजरात में बड़ौदा जिले के अंतर्गत एक छोटे से गांव सरार काशीपुर में 7 सितंबर 1906 को हुआ था। लिखने-पढ़ने के नाम पर वे सिर्फ उर्दू में अपना हस्ताक्षर करना भर जानते थे।चेकों पर भी वे लोगों के नाम नहीं लिख प... Read more |

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1:14pm 25 Aug 2010 #
 Rajesh Tripathi
-राजेश त्रिपाठी 17 मई 1913 को बंबई के पारेख अस्पताल के अहाते में कोरोनेशन थिएटर में यह फिल्म प्रदर्शित की गयी। और इस तरह इस फिल्म से ही भारतीय फिल्मों का जन्म हुआ। यह फिल्म आठ सप्ताह चली। उन दिनों रंगमंच बेहद लोकप्रिय था , उससे इस फिल्म को कड़ी प्रतिस्पर्धा करनी पड... Read more |

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2:48pm 3 Aug 2010 #
 Rajesh Tripathi
जिन्होंने भारतीय सिनेमा की बुनियाद रखी-राजेश त्रिपाठीजिन लोगों ने भारत में फिल्मों की बुनियाद रखी, उनमें अग्रणी थे दादा साहब फालके। धुंडिराज गोविंद फालके उर्फ दादा साहब फालके का जन्म 30 अप्रैल 1870 को, महाराष्ट्र में नासिक के करीब त्रयंबकेश्वर में हुआ था। भारतीय फिल्म... Read more |

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5:02pm 7 Jul 2010 #
 Rajesh Tripathi
हिंदी सिनेमा का इतिहास-13-राजेश त्रिपाठीकई पड़ावों से गुजरता भारतीय सिनेमा ‘छोटा चेतन’ और ‘शिवा का इंसाफ’ में थ्री डी (त्रिआयामी) पद्धति को भी आजमा चुका है। इनमें ‘छोटा चेतन’ ने कामयाबी पायी और ‘शिवा का इंसाफ’ की विफलता ने इन फिल्मों की राह रोक दी। बहरहाल , आज एक फिल्... Read more |

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3:12pm 2 Jun 2010 #
 Rajesh Tripathi
हिदी सिनेमा का इतिहास -12- राजेश त्रिपाठीसफल बाल फिल्मों में ‘मुन्ना’ , ‘अब दिल्ली दूर नहीं’, ‘बाप बेटी’, ‘किताब’ (1970, निर्देशक गुलजार) और ‘जागृति’ (निर्देशक सत्येन बोस) का नाम लिया जा सकता है। गुलजार ने जहां एक ओर ‘परिचय’ जैसी साफ-सुथरी फिल्म दी, वहीं उन्होंने ‘कोशिश’ में ... Read more |

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11:35am 26 May 2010 #
 Rajesh Tripathi
राजेश त्रिपाठी हिंदी सिनेमा का इतिहास-11 1930-1940 तक के बड़े बैनर थे न्यू थिएटर्स, प्रभात, बांबे टॉकीज, मिनर्वा मूवीटोन’, फिल्मिस्तान, वाडिया ब्रादर्स तथा राजकमल। इन सबने सामाजिक समस्याओं से जुड़ी कई फिल्में बनायीं। उन दिनों औरतों को घर तोड़नेवाली के रूप में भी चित्र... Read more |

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12:42pm 1 May 2010 #
 Rajesh Tripathi
हिंदी फिल्मों का इतिहास-10राजेश त्रिपाठी नृत्य पर आधारित फिल्मों में उदयशंकर की ‘कल्पना’ और वी. शांताराम की ‘झनक झनक पायल बाजे’ काफी चर्चित रहीं। पारिवारिक समस्याओं को लेकर बनी फिल्मों में गजानन जागीरदार द्वारा निर्देशित फिल्म ‘ चरणों की दासी सास-बहू के बीच तकरार ... Read more |

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2:12pm 24 Apr 2010 #
 Rajesh Tripathi
राजेश त्रिपाठी हिंदी सिनेमा का इतिहास-9फिल्मी दुनिया में रोमांस और बाद में शादी नये युग की देन नहीं है। 1931 में ‘वसंत सेना’ में पहली बार नायिका की भूमिका करनेवाली दक्षिण भारत की एम ए पास एनाक्षी रामराव निर्माता-निर्देशक एम भवनानी को दिल दे बैठीं और बाद में ... Read more |

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12:30pm 19 Apr 2010 #
 Rajesh Tripathi
राजेश त्रिपाठीहिंदी सिनेमा का इतिहास-8पुराने जमाने में फिल्मों के प्रमुख कलाकारों के चयन के वक्त इस बात का ध्यान रखा जाता था कि वह घुड़सवारी, तैरना, गाना और कार चलाना अच्छी तरह से जानता हो। क्योंकि शुरू-शुरू में न तो खतरनाक दृश्यों के लिए ‘डमी’ या स्टंट आर्टिस्ट की व्य... Read more |

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4:17pm 14 Apr 2010 #
 Rajesh Tripathi
हिंदी सिनेमा का इतिहास-7 आरंभ से ही हिंदी फिल्मों के निर्माण में अहिंदीभाषी क्षेत्रों के लोगों का वर्चस्व रहा। मिसाल के तौर पर दादा साहब फालके, चंदूलाल सेठ, भवनानी, वी. शांताराम, वाडिया ब्रादर्स, विजय भट्ट, शशिधर मुखर्जी, सोहराब मोदी, महबूब खान, एस.एस. वासन, श्रीध... Read more |

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10:43am 27 Mar 2010 #
 Rajesh Tripathi
हिंदी सिनेमा का इतिहास-6 पहले सम्मानित घराने की युवतियां फिल्मों में नहीं आती थीं। इस पेशे को बहुत बुरा माना जाता था। तब नाचने गाने वालियां ही फिल्मों में काम करती थीं। बाद में इसमें बदलाव आया और देविका रानी, दुर्गा खोटे, लीला चिटणीस, ललिता पवार, शांता आप्टे जै... Read more |

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6:10pm 3 Mar 2010 #
 Rajesh Tripathi
हिंदी सिनेमा का इतिहास-5-राजेश त्रिपाठी फिल्मों ने जब बोलना शुरू किया तो दर्शकों को बड़ा अचरज हुआ। चलती-फिरती तस्वीरें बोलने भी लगीं, यह उनके लिए दुनिया का नया आश्चर्य था। फिल्में ‘हाउसफुल’ जानें लगीं। दर्शकों की लंबी क। तारें सिनेमाघरों के सामने लगने लगीं। ... Read more |

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2:45pm 28 Feb 2010 #
 Rajesh Tripathi
हिंदी फिल्मों का इतिहास-4राजेश त्रिपाठी‘रामशास्त्री’ प्रभात चित्र ने उस वक्त बनायी थी, जब वी. शांताराम प्रभात को छोड़ चुके थे। यह फिल्म पेशवाओं के युग के इतिहास पर आधारित भारत की श्रेष्ठ ऐतिहासिक फिल्म थी। इतने ऊंचे स्तर की ऐतिहासिक फिल्म उसके बाद नहीं बनायी जा सक... Read more |

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6:12am 23 Feb 2010 #
 Rajesh Tripathi
हिंदी सिनेमा का इतिहास-3 राजेश त्रिपाठी बाद में मां की भूमिकाओं के लिए मशहूर निरुपा राय कभी धार्मिक फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री थीं। उन्होंने कुल मिला कर तकरीबन 40 धार्मिक-पौराणिक फिल्मों में काम किया। वे चार फिल्मों में पार्वती और तीन में सीता की भूमिका में आयी थीं। प... Read more |

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10:20am 17 Feb 2010 #
 Rajesh Tripathi
हिंदी फिल्मों का इतिहास-2राजेश त्रिपाठीइसके बाद 1911 में अनंतराम परशुराम कशंडीकर, एस एन पाटंकर और वी पी दिवाकर ने यह कोशिश जारी रखी। 1920 में इन्होंने बालगंगाधर तिलक की अंत्येष्टि की फिल्म बनायी। 1912 में उन्होंने 1000 फुट की एक फिल्म ‘ सावित्री’ बनायी। यह धार्मिक फिल्में बनान... Read more |

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6:04am 16 Feb 2010 #
 Rajesh Tripathi
हिंदी सिनेमा का इतिहास<(1) राजेश त्रिपाठीआज भारत विश्व में सर्वाधिक फिल्में निर्मित करनेवाला देश है लेकिन देश में सिनेमा की शुरुआत आसान नहीं रही। आज हमारा सिनेमा जिस मुकाम पर है, उसे वहां तक पहुंचने के लिए जाने कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है और कितना प्रयास कर... Read more |

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4:56am 14 Feb 2010 #
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