आधुनिक इतिहासकारों में इस बात पर सहमति दिखाई देती है कि पुराणों में कोसल सम्राटों के रूप में जिन मेघों (मघों) का उल्लेख किया गया है वही कोशांबी में मिले शिलालेखों, सिक्कों और मुहरों पर उत्कीर्ण मघ हैं. मघ शब्द को वे राजवंश की पदवी के रूप में देखते हैं जो उन राजाओं के नाम ... |
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February 13, 2019, 7:48 am |
सोचने लगो तो कई बार हमारे अपने नाम भी बहुत उलझन में डालने वाले होते हैं, मसलन मेरे दादा जी का नाम. मेरे दादा जी का नाम था श्री महंगाराम. बचपन से मैं इसे महंगाई से जोड़कर देखता रहा और खुद से पूछता रहा कि क्या कोई अपना या किसी का नाम महंगाई के नाम से रख सकता है. अक्ल नहीं मानती ... |
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February 10, 2019, 5:55 pm |
जब एडवोकेट हंसराज भगत और अन्य प्रबुद्ध जनों ने मेघ समुदाय को अनुसूचित जातियों में शामिल कराने के लिए महत्वपूर्ण प्रयत्न किए थे तब की राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियां आज की परिस्थितियाँ इस मायने में अलग थीं कि उस समय ‘अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC)’ की सूचियाँ बनाने की कोई बात न... |
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January 23, 2019, 5:54 am |
मेघ जाति, मेघ रेस या अपने मूल को जानने के इच्छुक मेघों को - मेदे (Mede), मद्र (Madra), मेग (Meg), मेघ (Megh) - ये शब्द हमेशा परेशान करते रहे हैं. वे सोचते रहे हैं कि क्या ये शब्द वास्तव में एक ही रेस, जाति समूह, जाति की ओर इशारा करते हैं? यहाँ स्पष्ट करना बेहतर होगा कि Ethnology जिसे हिंदी में मानव जात... |
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December 22, 2018, 7:41 am |
कुछ लोग अपने पिछले इतिहास से बहुत ख़ौफ़ खाते हैं. वे 'मेघ'शब्द से भी दूरी बनाते दिखते हैं. इस बीच 'आर्य-भक्त'शब्द 'भगत जी'का स्वरूप ले चुका है. यह बात सच है कि जब कोई उनके इतिहास की बात कहता है तो वे उसका विरोध करते दिख जाते हैं. लिखने वाले का एक नज़रिया होता है और दूसरा नज़रिय... |
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December 16, 2018, 6:53 am |
मेघों के सतलुज के किनारे बसे होने और सतलुज के प्राचीन नाम Megarsus और Megandros के बारे में कर्नल कन्निंघम ने अपनी रिपोर्टमें महत्वपूर्ण बातें लिखी हैं कि :-इस पहचान के अनुसार मेकी, या प्राचीन मेघ, सिकंदर के आक्रमण के समय ज़रूर सतलुज के किनारों पर बस चुके थे.दोनों नामों (Megarsus और Megandros) क... |
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November 28, 2018, 6:22 am |
ताराराम जी अकसर बहुत रुचिकर ऐतिहासिक संदर्भ शेयर करते हैं. हाल ही में उन्होंने कर्नल कन्निंघम का एक रेफरेंस भेजा. याद आया कि कभी मैंने उसका हिंदी अनुवाद किया था. Age factor you know. 🙂इससे पहले पढ़ चुका हूँ कि प्राचीन भारत के सिंधु क्षेत्र की कई जात-बिरादरियों ने पोरस को अपनी जात-ब... |
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November 27, 2018, 9:14 am |
सदियों की अनपढ़ता झेल चुकी जातियों की बौद्धिक कठिनाइयां जल्दी दूर नहीं होतीं. इसका एक उदाहरण हाल ही में इक्का-दुक्का सक्रिय सीनियर्स के मन में उभरा और व्यक्त हुआ यह विचार है कि मेघ समाज में जो गोत्र प्रथा है वह ऋषि गोत्र के बिना या तो अधूरी है या सिरे से गलत है. वे मानते ... |
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November 20, 2018, 9:13 am |
(आदरणीय प्रो. के.एल. सोत्रा जी को संबोधित एक पोस्ट)आदरणीय गुरु जी, जहां तक मेघ ऋषि का सवाल है मैंने अपने दादाजी से और पिताजी से सुना हुआ है कि हम किसी मेघ ऋषि की संतानें हैं. अब इस बारे में अधिक कहने से पहले इस चीज़ को देखना ज़रूरी है कि जातियों के इतिहास में मेघ ऋषि के ब... |
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November 6, 2018, 9:14 am |
सदियों से गरीबी की मार झेल रही जातियां अपना अतीत ढूंढने के लिए मजबूर हैं ताकि वे अपने आपको समझ सकें. इस बारे में एक बहुत ही अद्भुत फिनॉमिना है कि वे लोक-कथाओं के ज़रिए आपस में राजा-रानी और राजकुमार-राजकुमारी की कहानियां सुनाते हैं. सुनते हुए वे खुद की और अपने माता पिता की... |
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October 19, 2018, 1:14 pm |
राजनीति दुनिया के चार बड़े धंधों में से एक है. राजनीतिज्ञ (politician) किसी विचारधारा पर चलता है लेकिन समझौते भी करता चलता है, वह विचारधारा से हट भी जाता है ताकि सत्ता में बना रहे. उसके वादे कोई गारंटी नहीं देते. उसके अस्तित्व की सार्थकता सत्ता में या सत्ता के पास रहने में है. वह ... |
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October 12, 2018, 7:16 am |
किसी भी व्यक्ति को उसकी दो-एक बातों के संदर्भ में नहीं बल्कि उसके संपूर्ण कथन या वांग्मय से जानना चाहिए. युवावस्था में उसने चाहे जो भी अच्छा कहा हो उसकी उन बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए जो वह अपने क्षेत्र में परिपक्व होने के बाद कहता है. सर छोटूराम ने अपने जीवन में एक स... |
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October 3, 2018, 12:15 pm |
(कल मेघ समाज को गौरवान्वित करने वाली आईएएस अधिकारी स्नेह लता कुमार से काफी लंबी बातचीत हुई. काफी देर से जानता हूं कि अपने मेघ समाज के बारे में उनकी सोच में एक नया दृष्टिकोण है जिस पर ध्यान दिया जाना बहुत जरूरी है. यह पोस्ट उनसे हुई बातचीत के बाद लिखी गई है.)Sneh Lata Kumarस्वभा... |
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September 26, 2018, 8:25 pm |
ऑल इंडिया मेघ सभा, चंडीगढ़ द्वारा प्रकाशित त्रैमासिक पत्रिका मेघ-चेतना का माह अप्रैल-जून 2018 का अंक ऑनलाइन प्रकाशित कर दिया गया है. यह निम्नलिखित लिंक पर उपलब्ध है. मेघ-चेतना... |
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September 22, 2018, 5:38 pm |
Repeated PostEnglish version (यह आलेख kolisamaj.org (http://www.kolisamaj.org/myhistory/historyofkolis.html) पर दिए एक आलेख के हवाले से है. उस डोमेन के मालिक ने अपना डोमेन नेम बिक्री पर लगा दिया है. इसलिए उक्त लिंक पर वह आलेख अब नहीं दिख रहा है. इंटरनेट पर लिंक गुम होते रहते हैं.)पठानकोट से मेरे एक अनजाने मित्र (जो&nb... |
श्री राजकुमार भगतवे कभी भी हमें पाँच हज़ार रुपए इकट्ठा नहीं देते थे. उस समय उस पाँच हज़ार की बहुत कीमत होती थी. वे कभी हमें पाँच हज़ार रुपए इकट्ठे नहीं देते थे तो हम चलते कैसे? यह पहली बात. दूसरी बात यह है कि हमारी बिरादरी में हमें गाइड करने वाला या जागरूक करने वाला कोई भी ... |
वैसे तो हर समाज जैसे-जैसे फैलता है वैसे-वैसे वो कई आधारों पर बँटता भी जाता है जैसे कि नाम, रूप, रंग, एरिया, धर्म-डेरे, राजनीतिक पार्टी वगैरा के आधार पर.मेघ समाज भी इस फैलाव और बिखराव की प्रक्रिया से गुजरा है. मेघ, भगत और कबीरपंथी तीन नाम दिमाग़ को झल्लाने के लिए काफी हैं. एक स... |
श्री रतनलाल गोत्रा जी समय-समय पर संकेत देते रहे हैं कि मेघों का प्राचीन इतिहास मुख्यतः अन्य देशों के इतिहास में कहीं छुपा हुआ हो सकता है. भारत के इतिहास से तो वो लगभग गुम है. गोत्रा जी का भेजा हुआ नया लिंक इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका से है. यह रुचिकर है.लॉर्ड कनिंघम ... |
एक पत्रकार जेल के कैदियों का इन्टरव्यू लेने जेल में पहुंचा और एक ‘नास्तिक’ नाम वाले कैदी से पूछा - "तुम्हारा नाम नास्तिक कैसे पड़ा?"उसने बताया कि मैं पहाड़ी इलाके में एक बार यात्रियों को ले कर जा रहा था कि अचानक ब्रेक लगभग खराब हो गया. अपनी जिन्दगी का पूरा तजुर्बा लगा कर ... |
यूनियनिस्ट पार्टी की सरकारसर छोटूराम के नेतृत्व में यूनियनिस्ट पार्टी की सरकार के चलते ही मेघों को अनुसूचित जातियों की श्रेणी में जगह मिली थी. सन् 1931 की जनगणना के बाद सन् 1937 के चुनावों के लिए अनुसूचित जातियों का पहला सूचीकरण करने की कवायद शुरू हुई. एडवोकेट हंसराज भगत न... |
"The Hindu Law defines a ‘Hindu’ as a person who is not a Muslim or a Parsi or a Christian or a Jew (Mulla1966,616). As per state classification, the Meghwals are registered as belonging to the Scheduled Castes and are therefore governed by Hindu personal law in the state courts. The data shows that ‘enumerated’ Scheduled Castes such as Meghwals adapt and resist state classificatory schemes and deploy their multiple identities strategically and selectively. Historically, there has never been an internal agreement among the Meghwals about their membership in a religious community. The religious affiliations of caste members are a matter of ongoing debate, d... |
जब पहली बार पता चला कि डॉ. ध्यान सिंह ने जम्मू में स्थित हमारी देरियों पर अपने शोधग्रंथ में लिखा है तो बड़ी खुशी हुई थी. उसे पढ़ कर अच्छा लगा कि कुछ तो लिखा गया है. कुछ होना एक बात होती है और उस होने पर कुछ लिखा होना बिलकुल दूसरी बात. इसे दस्तावेज़ीकरण कहते हैं. मैंने उस ... |
दिनांक 04 मार्च 2018 को मेघ जागृति फाउँडेशन, गढ़ा, जालंधर द्वारा आयोजित एक समारोह में अपनी बात रखते हुए डॉ. ध्यान सिंह और प्रो. के.एल. सोत्रा इस बात पर एकमत थे कि मेघ मूल रूप से एक जनजाति थी जिसे शुद्धिकरण के ज़रिए हिंदू दायरे में लाया गया था. जैसा कि बताया जाता है कि मुग़लों ने ... |
जब पिताजी की तब्दीली टोहाना से सिरसा हुई तो उस समय टोहाना में बीती अपनी किशोरावस्था की बहुत सारी चमकती और रोशनी में दमकती यादें लेकर मैं सिरसा गया था. पिता जी पीडब्ल्यूडी में सब-डिविज़नल इंजीनियर थे. उनके कार्यालय के साथ ही बना एक साफ़-सुथरा रिहाइशी आवास मिला. सामने बं... |
जरूरी नहीं कि सांसे थम जाने पर स्टेथस्कोप में जिंदगी की निशानियाँ ढूंढी जाएँ. उसके बिना भी जिंदगी की धड़कनों को सुना, देखा और महसूस किया जा सकता है. जिंदगी की उन कई निशानियों को एक बहुत ही सुंदर कविता में चित्रित किया गया है जिसे कभी मशहूर चित्रकार पाब्लो पिकासो की कव... |
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