 umesh singh
पहचान हमारी हमसे छुपाती है बीते हुए यादो को बार बार याद दिलाती है कभी हसाती है कभी रुलाती है ना दबाओ जज्बातों को खुल कर बताओ पता नहीं कल कोई सुनने वाला हो या ना हो ... Read more |

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3:32pm 22 Jan 2012 #
 umesh singh
पहचान हमारी हमसे छुपाती है बीते हुए यादो को बार बार याद दिलाती है कभी हसाती है कभी रुलाती है ना दबाओ जज्बातों को खुल कर बताओ पता नहीं कल कोई सुनने वाला हो या ना हो ... Read more |

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3:32pm 22 Jan 2012 #
 umesh singh
सपने देखना ईस महगाई में कुछ ईस तरह जैसे बज रही हो सहनाई ,तनहाई मेगुजर रही है जिंदगी रोटी कपडे की तलाश में क्या कोइ देखे सपने सपने भी महंगे हो गए... Read more |

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2:23pm 27 Sep 2011 #
 umesh singh
आज के भ्रस्टाचारी युग में , हम सब कुछ से समझौता कर रहे है | चाह कर भी कुछ कर नहीं पा रहे| अगर अन्ना जैसे समाज सेवी ने कुछ करने की ठानी है, तो हमें साथ देना चाहिए , पूंजीपति , राजनेता ,नौकरशाह , अगर ये सही रास्ते पर आ गए तो यह देश वापश सोने की चिड़िया हो जायेगा | चन्द्रगुप्त का भार... Read more |

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2:06pm 14 Aug 2011 #
 umesh singh
मैं राही मंजिल की तलाश मेंचलता रहा बिना थके बिना रुकेखोजती रही आँखे उस हमराह कोदो कदम जो साथ चले कुछ लोग मिले भी तो नज़रे चुरा कर चल दिएकोई ना मिला ऐसा जो मंजिल तक साथ दे,खुद मेरा साया भी ना चला दो कदम साथ मेरे!... Read more |

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8:20am 3 Aug 2011 #
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