दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं... |
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अभिव्यक्तिकीआजादी=======================पढ़तेहुएबच्चेकाअनमनामनटूटतीध्यानमुद्राबेचैनीबदहवासीउलझनअच्छेबुरेकीपरिभाषाखोखलाकरतीखाएजारहीथी .......कर्मज्ञानगीतामहाभारतरामायणराम-रावणभयडरआतंकरामराज्यदेव-दानवधर्मग्रन्थमंदिरमस्जिद ..औरभीबहुतकुछ ..पीएचडीकरभीजेलजानागरीबअमी... |
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आदरणीया निशा जी के प्रोत्साहन पर एक अधूरी कहानी पूरी करने की कोशिश ... अपना अंगना मेंरंजना नन्ही वंशिका की बातों से अचंभित रह गयी छोटी बच्ची और इतनी बड़ी बात . ..उसका मन कचोटने लगा कि क्यों वो आज तक ऐसा नहीं सोचती रही क्या कमी है उसके अंदर हर दिन हर समय घुटन , एक नारी होने का ये... |
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इस रचना में एक अधिवक्ता की पत्नी का दर्द फूट पड़ा है ………………ना जइयो तुम कोर्ट हे !मेरे दिल को लगा के ठेस ….जब जग जाहिर ये झूठ फरेबीबार-बार लगते अभियोगअंधी श्रद्धा भक्ति तुम्हारीक्यों फंसते झूठे जप-जोगआँखें खोलो करो फैसलाना जाओ लड़ने तुम केस ………….ना जइयो तुम कोर्ट हे !मेर... |
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September 14, 2013, 8:51 pm |
प्रिय दोस्तों इस रचना को ( कोई नहीं सहारा ) ३.३.२०१3 के दैनिक जागरण अखबार में कानपुर रायबरेली (उ.प्रदेश भारत ) आदि से प्रकाशित किया गया रचना को मान और स्नेह देने के लिए आप सभी पाठकगण और जागरण जंक्शन का बहुत बहुत आभारभ्रमर ५मै आतंकी बनूँ अगर माँ खुद “फंदा” ले आएगीहम सहिष्णु ... |
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हम लोगों की आँखों के सामनेपैदा हुए कुछ पिल्ले यहीं पले बढेदूध मलाई खाए कार में चढ़े दुलरायेभौंकते-हमें डराते ताकतवर बन जाते हैं( फोटो साभार गूगल नेट से लिया गया)फिर झुग्गी बस्ती में आये पेट दिखाएदुम हिलाए पाँव चाटे दोस्त बन जाते हैंआगे पीछे घूम घूम सूंघ सूंघ सारी ख़बर... |
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November 22, 2012, 10:22 pm |
Check out उँगलियों के इशारे नचाने लगी « Bhramar ka 'Dard' aur 'Darpan'... |
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October 13, 2012, 11:34 am |
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October 13, 2012, 11:34 am |
अपने इस चमन के दो निराले और प्यारे प्यारे फूल , इन्हें नमन और हार्दिक श्रद्धांजलिराष्ट्रपिता महात्मा गांधी -जन्मदिन 2 अक्टूबर 1869 काठियावाड़ पोरबंदर गुजरात - मृत्यु - नाथूराम गोडसे द्वारा गोली मारने से 30.जनवरी 1948 दिल्ली (भारत को ब्रिटिश साम्राज्य से मुक्ति दिलाने मे... |
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Check out एक ‘कवि’ बीबी से अकड़ा « Bhramar ka 'Dard' aur 'Darpan'... |
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एक कवि जब खिन्न हुआ तो बीबी से वो अकड़ाकमर कसा बीबी ने भी शुरू हुआ था झगडाकितनी मेहनत मै करता हूँकरूँ कमाई सुनूं बॉस की रोता-गाता-आतासब्जी का थैला लटकाए आटे में रंग आताकभी कोयला लकड़ी लादूँ हुआ ‘कोयला’ आतादिन भर सोती भरे ऊर्जा लड़ने को दम आता ?पंखा झल दो चाय बनाओ सिर ... |
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August 13, 2012, 11:04 pm |
कोख को बचाने को भाग रही औरतें ------------------------------------------ये कैसा अत्याचार है 'कोख' पे प्रहार है कोख को बचाने को भाग रही औरतें दानवों का राज या पूतना का ठाठ है कंस राज आ गया क्या ?फूटे अपने भाग है ..रो रही औरतें --------------------उत्तर , मध्य , बिहार से 'जींद' हरियाणा चलीं दर्द से कराह रोयीं आज ध... |
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हमारे प्रिय जांबाज कुश्ती के माहिर , पहलवानी से 50 के दशक में आये फिल्म जगत में छाये दारा सिंह जी 84 तक साथ निभा अब हमें छोड़ चले ..नम आँखों से हम उन्हें हार्दिक और भावभीनी श्रद्धांजलि देते हैं .....प्रभु उनकी आत्मा को शांति दे और उनके परिवार जन को इस कष्ट की बेला को झेल कर आग... |
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असीमित विस्तार ममता अपारमाँ का प्यार !----------------सुख की मेहकरुना सागरमाँ का नेह !---------------त्याग वलिदान सुख की खान"माँ" एक नाम !-------------------खुशियाँ किलकारीसर्व दुःखहारीमाँ अति प्यारी !----------------मरू में छायाअमृत धारामाँ की माया !------------------दो कुल का कुल-दीपक'लक्ष्मी'-जनती -कुल-दीपकरचती -मा... |
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हैप्पी बर्थ डे टू “सत्यम “---------------------------मेरे प्यारे नन्हे मुन्नों मित्र हमारे दिल हो मात - पिता के बहुत दुलारे जग के तुम दीपक हो !------------------------------आओ अपने नन्हे कर से सुन्दर प्यारा जहाँ बनायें सूरज चंदा तारों से हम झिलमिल -झिलमिल इसे सजाएं !------------------------------------प्रेम की बहती अमृत धा... |
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Check out हे प्रभु मुझको “जीरो” कर दे या कर दे तू “हीरो “ « Bhramar ka 'Dard' aur 'Darpan'... |
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छोटी -छोटीबातें --------------------छोटीछोटीबातोंपर अनायासहीअनचाहे मनमुटावहोजाताहै दुरावहोजाताहै दूरीबढ़जातीहै हमतिलमिलाजातेहैं मौनहोजातेहैं अहमभागजाताहै मनकायक्षप्रश्नबारबार झकझोरताहै कुरेदताहै हमबड़ेहैं फले-फूलेहैं हमदेतेहैंपालतेहैं पोसतेहैं नजानेक्यों... |
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होरी खेलि रही सरकार—————————–अपनी अपनी थाप ढोल पेरोज बजाये जाती हैचोर-चोर मौसेरे भाईगाना-गाये जाती हैरंग -विरंगे मदिरालय काउदघाट्न करवाती हैबेंच -खोंच सब नशे सिखाकरअपना-धंधा चलवाती हैकर में “कर” को भरे हुएजोड़ -तोड़ घर बाहर करतीघर तो अपना भर डाली ?अब बाहर जा पहुंचात... |
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यहीं खिलेंगे फूल——————–क्या सरकार है कैसे मंत्रीकाहे का सम्मान ??भिखमंगे जब गली गली होंभ्रष्टाचारी आम !——————————माँ बहनें जब कैद शाम कोभय से भागी फिरतींथाना पुलिस कचहरी सब में -दिखे दु:शासनबेचारी रोती हों फिरतीं——————————-बाल श्रमिक- होटल ढाबों मेंमैले –कुचले- भू... |
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झरना से सरिता बन जाऊं-----------------------------------प्रभु जी मैंने पाल राखी है ज्योति पुंज की आशादुर्बल मूढ़ इतै उत भटकूँ ना समझूँ परिभाषातन का मन का निज का उस का सुख क्या किसका अच्छा ??अच्छा सच्चा यदि ये कहिये उसको वो क्यों अच्छा ??है आनंद रूप प्रभु तेरा तो वो नित तो पाताफिर अनुचित कह... |
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झरना से सरिता बन जाऊं-----------------------------------प्रभु जी मैंने पाल राखी है ज्योति पुंज की आशादुर्बल मूढ़ इतै उत भटकूँ ना समझूँ परिभाषातन का मन का निज का उस का सुख क्या किसका अच्छा ??अच्छा सच्चा यदि ये कहिये उसको वो क्यों अच्छा ??है आनंद रूप प्रभु तेरा तो वो नित तो पाताफिर अनुचित कह जग ... |
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(फोटो साभार गूगल/नेट से लिया गया )हमारा हिंदुस्तानभेंडिया धंसानएक भेंड कुएं में कूदी की बसकुवां भर गयाउनका काम हो गयाशातिर लोग कुछ को खिला पिलामाथे पे बलि का चन्दन लगाहमारे ही बीच से अगुवा बना …तालियों की गड़गड़ाहटपराये मुंह मियाँ मिट्ठू बनमूरख मंच से ‘मुन्ना” काका... |
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February 5, 2012, 11:11 am |
अभागन--------------पैदा हुयी तो माँ मर गयी ?बाप लापता --कूड़े में फेंक दी गयीकिसी ने उठायामंदिर की सीढ़ी पे लिटायाभिखारन ले गयीनटिनी बनाईरस्सी पे दौडाईकिसी को उसकीकला पसंद आईबेंच दी गयीसर्कस में आयीभीड़ बढ़ाईइनाम पायीशादी रचाईअमेरिका आईपढ़ी -पढाईउड़ान भरी ----नाम कमाई देश का... |
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February 1, 2012, 11:18 am |
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