Blog: प्रतापगढ़ साहित्य प्रेमी मंच -BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN |
![]() ![]() तुम तो जिगरी यार हो ==================दोस्त बनकर आये हो तो मित्रवत तुम दिल रहो गर कभी मायूस हूँ मैंहाल तो पूछा करो ..?-------------------------------पथ भटक जाऊं अगर मैं हो अहम या कुछ गुरुर डांटकर तुम राह लाना (मित्र है क्या ........?)याद रखना तुम जरूर------------------------------ तुम हो प्रतिभा के धनी हे ! और ऊंचे तुम चढ़ो पर न स... Read more |
![]() ![]() सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाःप्रथम अन्तराष्ट्रीय योग दिवस पर व् पितृ दिवाद परहार्दिक शुभ कामनाएं |आशा ... Read more |
![]() ![]() आओ माँ मै पुनः चिढाऊं==========================मन कहता मै पुनः शिशु बनमाँ के आँचल खेलूँकल्पवृक्ष सम माँ ममता संगगोदी खेले प्रेम का सागर पी लूँ======================मुझे निहारे मुझे दुलारेतुतला गाये शिशु बन जाएहो आनंदित हर सुख पायेमाँ को मेरी ‘आँच ‘ न आये—————————-मुझमे माँ का प्राण बसा हैमाँ के ... Read more |
![]() ![]() मान्यवर,दिनांक 18-19 अक्टूबर को खटीमा (उत्तराखण्ड) में बाल साहित्य संस्थान द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय बाल साहित्य सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।जिसमें एक सत्र बाल साहित्य लिखने वाले ब्लॉगर्स का रखा गया है।हिन्दी में बाल साहित्य का सृजन करने वाले इसमें प्रतिभाग करने ... Read more |
![]() ![]() उड़े पखेरू पंख फैला पक्षी सा मन उड़ता |खिलती धूप दमकता चेहरा प्यारा लगता |आशा सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः... Read more |
![]() ![]() सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाःजल में घुली चीनी की तरह कभी एक रस ना हो पाए साथ साथ न चल पाए तब कैसे देदूं नाम कोई ऐसे अनाम रिश्ते को |जल में मिठास आ जाती है चीनी के चंद कणों से होती है हकीकत दिखावा नहीं पर स्थिति विपरीत यहाँ रिश्ता बहुत सुदृढ़ दीखता पर खोखला अं... Read more |
![]() ![]() माँ की ममता पुत्र पर ,बेटी देख रिसाय |तेरा कैसा न्याय प्रभू,कुछ भी समझ न आय ||यहाँ वहाँ क्या देखते ,जीवन छूटा जाय |प्रभु सुमिरन करते रहो ,अंत भला हो जाय ||जीव न जादू की छड़ी,छूते ही कुम्हलाय |कठिन डगर पार करके ,फल तुरतही मिल जाय ||जल अथाह समुन्दर में .कभी कमीं ना होय |सूरज कितन... Read more |
![]() ![]() ( photo with thanks from google/net)प्रिय मित्रों नारियों के प्रति दिन प्रतिदिन बढ़ता अत्याचार मन को बहुत बोझिल करता है जरुरत है बहुत सख्त और सजग होने की , बच्चों में संस्कार भरना बहुत जरुरी हैं उन्हें अनुशासन से कदापि वंचित नहीं करना है बेटा हो या बेटी उन के आचार व्यवहार पर नजर रखना जरुरत से... Read more |
![]() ![]() मित्रों।फेस बुक पर मेरे मित्रों में एक श्री केवलराम भी हैं। उन्होंने मुझे चैटिंग में आग्रह किया कि उन्होंने एक ब्लॉगसेतु के नाम से एग्रीगेटर बनाया है। अतः आप उसमें अपने ब्लॉग जोड़ दीजिए। मैेने ब्लॉगसेतु का स्वागत किया और ब्लॉगसेतु में अपने ब्लॉग जोड़ने का प्रय... Read more |
![]() ![]() 28 अगस्त, 2011यह पड़ाव कब पार हो जीवन की लंबी डगर पर देखे कई उतार चढ़ाव अनेकों पड़ाव पार किये फिर भी विश्वास अडिग रहा | कभी हार नहीं मानी जीवन लगा न बेमानी जटिल समस्याओं का भी सहज निदान खोज पाया | आशा निराशा के झूले में भटका भी इधर उधर कभी सफलता हाथ लगी घर असफलता ने घेरा कभी | अनेकों ... Read more |
![]() ![]() बात पिछले साल की पिछले वर्ष ना जाने क्या हुआ इन्द्र देव अचानक रूठ गए | जब गर्मी आई तो बिना पानी के बहुतसी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा |पहले नल रोज आते थे , फिर ४ दिनमें एक बार और बाद में यह स्थिती हो गई की नल में टपकती पानी की एक बूंद देखने को भी तरस गए | टेंकरों से दूर दूर से ... Read more |
![]() ![]() अतुलनीय है प्यार तुम्हारे नेह बंध का सार मुझ में साहस भर देता है नहीं मानती हार माँ तुझे मेरा शत-शत प्रणाम |आज जहाँ मै खड़ी हुई हूँ जैसी हूँ ,तुमसे ही हूँ मैं मुझे यही हुआ अहसास माँ तुझे मेरा प्रणाम |तुमने मुझ में कूट- कूट कर भरा आत्म विश्वास माँ मेरा तुझे शत-शत प्रणाम |न कोई... Read more |
![]() ![]() 'आम'आदमी बन जाऊं ----------------------मन खौले 'शक्ति'की खातिर 'आम'आदमी बन जाऊं भीड़ हमारे साथ चले तो रुतबा मै भी कुछ पाऊँ अगर 'सुरक्षा'चार लगे तो शायद 'थप्पड़'ना खाऊं अंकुर उभरा दबा -दबा मै टेढ़ा -मेढ़ा ऊपर आया ऊपर हवा स्वर्ग सी सुन्दरमान के सीढ़ी चढ़ आया 'सिर ' ऊपर तलवार है लटकी आज समझ मै ये पाय... Read more |
![]() ![]() मौसम ने ली अंगडाई सर्दी ने पीठ दिखाई धूप के तेवर बदले वे भी लगे बदले बदले पैर जलते धूप में पिधलता डम्बरपक्की सड़क पर चलना दूभर होता घर के बाहर फिर भी कोई काम न रुकता जीवन यूं ही चलता रहता |आशा सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः... Read more |
![]() ![]() आज उड़त अबीर गुलाल छोरी छोरवन क अजब धमाल है कान्हा की कारगुजारी। …=================मिटटी लेप किये कोई कजरा लगायेबनरे लाल मुख धारी कोई लंगूर आये कुर्ता टोपी रंगे कोई कपड़ा भी फाड़े छोटी बड़ी पिचकारी रंग मारे बौछारें ढोल मजीरा कोई पीटे है ताली है कान्हा की कारगुजारी। … -----आ... Read more |
![]() ![]() होली के अवसर पर हार्दिक शुभ कामनाएं |(१) फूल क्या जिसने ओस से प्यार न किया होभावों में बह कर उसे बाहों में न लिया हो |(२)टपकती ओस ठिठुरन भरी सुबह की धुप देखे बिना चैन नहींआताओस में नहाया पुष्प अनुपम नजर आता |(३)फूलों की फूलों से बातें कितनी अच्छी लगती हैं प्यार भरी ये ... Read more |
![]() ![]() ‘लोरी’ गा के मुझे सुलाना------------------------------- माँ बूढी पथरायी आँखेंजोह रही हैं बाटलाल हमारे कब आयेंगेधुंध पड़ी अब आँख —————————-जब उंगली पकड़ाये चलतीकही कभी थी बातमै आज सहारा दे सिखलातीजब बूढी तुम थामना हाथ———————... Read more |
![]() ![]() 01 फ़रवरी, 2011पैर पसारे भ्रष्टाचार नेअनाचार ने,नक्सलवादी उग्रवादीअक्सर दीखते यहाँ वहाँ |कोई नहीं बच पायामँहगाई की मार से ,इन सब के कहर सेभटका जाने कहाँ-कहाँ |जन सैलाब जब उमड़ाइनके विरोध मेंपर प्रयत्न रहे नाकामहोता नहीं आसानइन सब से उबरना |है यह ऐसा दलदलजो भी फँस जात... Read more |
![]() ![]() हे सांता हो तुम कौनकहाँ से आएबच्चों से तुम्हारा कैसा नातावे पूरे वर्ष राह देखतेमिलने को उत्सुक रहते |क्या नया उपहार लायेझोली में झांकना चाहतेबहुत प्रेम उनसे करते होवर्ष में बस एक ही बारआने का सबब क्यूं न बताते |बहुत कुछ दिया तुमनेप्यार दुलार और उपहारसभी कुछ ला दिया त... Read more |
![]() ![]() सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाःक्षणिकाएं (भाग २) (1)मन से मन की बात यदि ना हो पाए मन चाही मुराद यदि मिल न पाए मन दुखी तब क्यूं न हो बेमौसम का राग वह क्यूँ गाए |(२)सुनी गुनी कही बातें वजन तो रखती हैं पर हैं कितने लोग जो उन पर अमल करते हैं |(३)मैंने सजाई थी महफ... Read more |
![]() ![]() है कैसा पाषाण साभावना शून्य ह्रदय लिएना कोइ उपमा ,अलंकारया आसक्ति सौंदर्यके लिए |जब भी सुनाई देतीटिकटिक घड़ी कीहोता नहीं अवधानना ही प्रतिक्रया कोई |है लोह ह्रदय या शोलाया बुझा हुआ अंगारसब किरच किरच हो जाताया भस्म हो जाता यहाँ |है पत्थर दिलखोया रहता अपने आप मेंसिमटा रह... Read more |
![]() ![]() करवा चौथ पर हार्दिक शुभ कामनाएं चाँद ने मुह छिपायाबादलों की ओट में प्रिय तुम भीअब तक न आए जाने कहाँ विलमाएमैं हूँ परेशान कब तक राह निहारूंतुम्हारी और चाँद की याद नहीं आई क्या आज करवा चौथ की|आशा सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः... Read more |
![]() ![]() प्रतापगढ़ [जासं]। नन्हीं अंगुलियों से ढोलक बजाकर लोगों को आश्चर्यचकित करने वाले बाल कलाकार दयानंद ने सफलता की लंबी उड़ान भरी है। लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में जगह पाने वाला यह प्रतापगढ़ का पहला कलाकार है।मंगरौरा विकास खंड के लाखीपुर गांव निवासी बाल कलाकार दयानंद ... Read more |
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