Blog: दीपक राजा (बरनवाल) |
![]() ![]() नोटबंदी की आपातकाल से तुलना ठीक नहींप्रधानमंत्री ने 8 नवंबर, 2016 को विमुद्रीकरण की घोषणा करके काला धन, भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार किया है। इससे देश की जनता को नकदी की किल्लत से रोजाना दो-चार होना पड़ रहा है। गांव, गरीब, किसान, दिहाड़ी मजदूर और छोटे-छोटे कारोबारियों के नाम प... Read more |
![]() ![]() कालाधन, भ्रष्टाचार, अपराध और जाली नोट पर प्रहार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी का फैसला लिया। इससे देशभर में उत्साह का माहौल है। हालांकि देश की जनता को थोड़ी दिक्कत हो रही है। फिर भी कठिनाइयों के बीच लोग एक-दूसरे की सहायता से सामंजस्य बना रहे हैं। इस... Read more |
![]() ![]() काले धन पर मोदी का मास्टर स्ट्रोक 500 और 1000 के सभी पुराने नोट को चलन से बाहर करने का प्रधानमंत्री ने ऐतिहासिक फैसला लिय़ा। पीएम का मास्टर स्ट्रोक वाले इस फैसले ने एक साथ काले धन रखने वालों, भ्रष्ट्र आचरण करने वालों, रिश्वत लेने और देने वालों, जाली नोट का संचालन ... Read more |
![]() ![]() अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला नहीं है टीवी चैनल पर एक दिन का बैनNDTV पर सरकार ने एक दिन का बैन लगाया, उसको लेकर हो-हल्ला मचाया जा रहा है। तथाकथित बुद्धजीवियों को लग रहा है कि यह आपातकाल के दौर की आहट है। उन्हें या तो स्टंट करने में मजा आता है या किसी पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं। य... Read more |
![]() ![]() हमने जोते हलतोड़े ढेलेबोये बीजपरिवार मेंप्यार के।बंजर नहीं हैअपना भूखंडकाटने-छांटने मेंरह गई कसरशायद उग आये कांटे। ... Read more |
![]() ![]() जब भी आप परिवार होते हैंजिम्मेवार होते हैंआप रोते नहींतकदीर परकरते हैं भरोसाहाथ पर।अब कोईतुल जाएकाटने को हाथ...तो ...उसका साथछोड़ना बेहतर।अकेलापनभले हीकुछ दिन के लिएजीवन कोकर जाएगा... और बदतर।मगरकड़ी धूप औरभरी बरसात मेंजिसके भी नहीं कांपेंगे पांवउसे ही मिलना हैजी... Read more |
![]() ![]() न दवात बदली हैन बदला हैस्याही का रंगउसमें आज भीबाकी है गीलापन।कागज में आज भीताकत है उकेरे रखने कीहूबहू शब्दशःरात को रातदिन को दिन।टोपी मत पहनाओन मढ़ो आरोपदोष नहीं साधन कीकलम में आज भीशेष है उसका पैनापन।तलवार की तरह कलम कोजकड़ने वाले हाथों की पकड़ढीली हो गई, ये ढीलापन द... Read more |
![]() ![]() संपादकीयदिल्ली सदियों से देश की राजधानी रही है। इसे बार-बार बाह्य आक्रमणकारियों ने तबाह किया। उसके बाद भी फिर देशवासियों ने इसे आबाद किया और संवारा। इसमें वैश्य समुदाय का बहुत ही अहम भूमिका रही है। वैश्य समुदाय के लोग सदैव रचनात्मक कार्यों और व्यवस्था को सुदृढ़ करन... Read more |
![]() ![]() छह सितम्बर 1986 एक अविस्मरणीय दिन है बरनवाल वैश्य सभा दिल्ली के जीवन का क्योंकि इसी दिन इस संस्थान के वर्तमान अध्यक्ष कैप्टन आरपी बरनवाल के निवास स्थान बी-35, पंचशील एन्क्लेव, नई दिल्ली में संस्था का बीजारोपण हुआ जो 19 अक्टूबर 1986 को एक छोटे पौधे के रूप में विकसित हुआ जब इन्ह... Read more |
![]() ![]() बेटी चांद के रूप में पैदा होती है,उसे सूरज सरीखा ताकत दो।जो आंख उठे अंगारों सातो बेटी कहर सा व्यापत हो।-दीपक... Read more |
![]() ![]() अगरतुम सही हो तोमनवाने के लिए, जरूरत नहीं डंडे की।कुछ तो मुझ पर भीछोड़ दो खुद-ब-खुद, समझने कीगलत को गलतसच को सच।सच थोपना, सच के हक मेंअच्छी बात नहीं, सुन भी लो कभीजो कहते हो सच-सा। ... Read more |
![]() ![]() स्वातंत्र्य चेतना का दस्तावेज ‘अरावली के मुक्त शिखर’मुगल बादशाह जलालुउद्दीन अकबर के काल में महाराणा प्रताप के स्वातंत्र्य संघर्ष की गाथा ‘‘अरावली के मुक्त शिखर’ उपन्यास के रूप में पाठकों के बीच प्रस्तुत की है कलमकार डॉ. शत्रुघ्न प्रसाद ने और प्रकाशक है शिवांक। म... Read more |
![]() ![]() नव वर्ष का नूतन अभिनन्दनआओ करें जग वंदनहर्ष हो, विषाद हो हास हो, परिहास होपर जीवन में उल्लास होऐसा हमारा संवाद दर्शननव जीवन को संसार मिलेजीवन को आधार हंसने-हंसाने का दौर चले जिनके जीवन में हो क्रंदनसूर्य किरण की चादर ओढे नदिया करती कलकल कलकलखग के करलव करतल पर न्यौछावर... Read more |
![]() ![]() कृष्णा वीरेंद्र न्यास ने चिट्ठाकार/ब्लॉगर उन्मुक्त की चिट्ठियों, लेखों व निबंधों को ‘मुक्त विचारों का संगम’ नाम से पुस्तक का रूप दिया है। इसे प्रकाशित किया है यूनिवर्सल लॉ पब्लिकेशन ने। इसमें शामिल ज्यादातर लेखों में विषय-विषयांतर होते हुए विज्ञान, गणित, कानून, जी... Read more |
![]() ![]() समाज में जब भी कोई व्यक्ति अपने कृत्य से अपेक्षित ऊंचाई को छूने लगता है तो जनसमूह उसके पीछे चलने लगता है। लेकिन ऐसे व्यक्तियों को लेकर कुछ न कुछ विवाद भी शुरू हो जाता है। कुछ विवाद जायज होते हैं तो कुछ बेबुनियाद होते हैं जो अफवाहों के रूप में उछाले जाते हैं। बेबुनियाद... Read more |
![]() ![]() राष्ट्रीय कवि संगमके बैनर तले कवियों का पंचम अखिल भारतीय कवि सम्मेलन 26-27 जुलाई, 2014 को हरिद्वार के पतंजलि योगपीठ फेस दो में आयोजित किया गया। दो दिन चलने वाले इस अधिवेशन 456 कवियों ने भाग लिया। देश के 21 प्रांतों व नेपाल सहित तीन देशों से आए कवि प्रतिनिधि शामिल हुए। इस सम्मेल... Read more |
![]() ![]() राष्ट्रीय कवि संगम के बैनर तले कवियों का पंचम अखिल भारतीय कवि सम्मेलन 26-27 जुलाई, 2014 को हरिद्वार के पतंजलि योगपीठ फेस दो में आयोजित किया गया। दो दिन चलने वाले इस अधिवेशन 456 कवियों ने भाग लिया। देश के 21 प्रांतों व नेपाल सहित तीन विदेश से आए कवि प्रतिनिधि शामिल हुए। योगऋषि बा... Read more |
![]() ![]() रोजगारपाने और शिक्षित होने की जद्दोजहद में व्यक्ति को अपने घर-द्वार, पैतृक गांव तक से पलायन करना पड़ता है। कई बार कुछ समय के लिए तो कभी हमेशा के लिए। ऐसे पलायन करने वाले लोगों को कभी-कभी अपने गांव समाज की बरबस याद भी आती है। यादों की जुगाली में वह उस दौर में लौटने का असफ... Read more |
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