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वंदन कर भारत माता का, गणतंत्र राज्य की बोलो जय ।काका का दर्शन प्राप्त करो, सब पाप-ताप हो जाए क्षय ॥मैं अपनी त्याग-तपस्या से जनगण को मार्ग दिखाता हूँ ।है कमी अन्न की इसीलिए चमचम-रसगुल्ले खाता हूँ ॥गीता से ज्ञान मिला मुझको, मँज गया आत्मा का दर्पण ।निर्लिप्त और निष्कामी हू... Read more |

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11:43am 8 Jan 2012 #
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जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतनाअँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए।नई ज्योति के धर नए पंख झिलमिल,उड़े मर्त्य मिट्टी गगन स्वर्ग छू ले,लगे रोशनी की झड़ी झूम ऐसी,निशा की गली में तिमिर राह भूले,खुले मुक्ति का वह किरण द्वार जगमग,ऊषा जा न पाए, निशा आ ना पाएजलाओ दिए पर रहे ध्यान इतनाअँधेरा ध... Read more |

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9:33am 26 Oct 2011 #
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मन, मैला, तन ऊजरा, भाषण लच्छेदार,ऊपर सत्याचार है, भीतर भ्रष्टाचार।झूटों के घर पंडित बाँचें, कथा सत्य भगवान की,जय बोलो बेईमान की !प्रजातंत्र के पेड़ पर, कौआ करें किलोल,टेप-रिकार्डर में भरे, चमगादड़ के बोल।नित्य नई योजना बन रहीं, जन-जन के कल्याण की,जय बोल बेईमान की !महँगा... Read more |

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3:46pm 12 Sep 2011 #

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5:20pm 21 Aug 2011 #
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सीस पगा न झगा तन में प्रभुए जानै को आहि बसै केहि ग्रामा ।धोति फटी.सी लटी दुपटी अरुए पाँय उपानह की नहिं सामा ।।द्वार खड्यो द्विज दुर्बल एकए रह्यौ चकिसौं वसुधा अभिरामा ।पूछत दीन दयाल को धामए बतावत आपनो नाम सुदामा ।।बोल्यौ द्वारपाल सुदामा नाम पाँड़े सुनिएछाँड़े राज.काज... Read more |

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5:43pm 6 Aug 2011 #
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"माँ कह एक कहानी।"बेटा समझ लिया क्या तूने मुझको अपनी नानी?""कहती है मुझसे यह चेटी, तू मेरी नानी की बेटीकह माँ कह लेटी ही लेटी, राजा था या रानी?माँ कह एक कहानी।""तू है हठी, मानधन मेरे, सुन उपवन में बड़े सवेरे,तात भ्रमण करते थे तेरे, जहाँ सुरभि मनमानी।""जहाँ सुरभि मनमानी! हाँ माँ ... Read more |

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6:52pm 29 Jul 2011 #
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गुरु ब्रह्म गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वरः गुरु साक्षात् पर ब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पाय। ... Read more |

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2:49pm 15 Jul 2011 #
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यह कदंब का पेड़ अगर मां होता जमना तीरेमैं भी उस पर बैठ कन्हैया बनता धीरे धीरेले देती यदि मुझे तुम बांसुरी दो पैसे वालीकिसी तरह नीची हो जाती यह कदंब की डालीतुम्हें नहीं कुछ कहता, पर मैं चुपके चुपके आताउस नीची डाली से अम्मां ऊंचे पर चढ़ जातावहीं बैठ फिर बड़े मज़े से मै... Read more |

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5:48am 9 Jul 2011 #
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अकाल और उसके बादकई दिनों तक चूल्हा रोया, चक्की रही उदासकई दिनों तक कानी कुतिया सोई उनके पासकई दिनों तक लगी भीत पर छिपकलियों की गश्तकई दिनों तक चूहों की भी हालत रही शिकस्त ।दाने आए घर के अंदर कई दिनों के बादधुआँ उठा आँगन से ऊपर कई दिनों के बाद चमक उठी घर भर... Read more |
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चिर सजग आँखें उनींदी आज कैसा व्यस्त बाना!जाग तुझको दूर जाना!अचल हिमगिरि के हॄदय में आज चाहे कम्प हो ले!या प्रलय के आँसुओं में मौन अलसित व्योम रो ले;आज पी आलोक को ड़ोले तिमिर की घोर छायाजाग या विद्युत शिखाओं में निठुर तूफान बोले!पर तुझे है नाश पथ पर चिन्ह अपने छोड़ आना!जाग... Read more |

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3:12pm 23 Jun 2011 #
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गाँव के एक कोने में स्थित है वह टपरा स्कूल -महात्मा गाँधी माध्यमिक स्कूल कच्ची ईमारत छत के नाम पर खपरेल . बरसात में सारी कक्षाओं में पानी टपकता है सो प्रायः रेनी डे की छुट्टी हो जाती है . सर्दी के दिनों में कक्षाए बाहर के मैदान में लगती है और गर्मी में तो वैसे भी स्कूल की ... Read more |
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