Why the word chedkhani couldn’t receive its seriousness? Why people don’t consider it a matter of concern? Why they don’t feel its intensity? Why when people hear to a woman complaining for a teasing behavior of boys they laugh as if they want to say you should have cherished that moment in spite of complaining. Just a couple days back, when I was returning from my office at 6 o clock. Some rough youth started passing unpleasant remarks on me. I ignored it once… because I was somewhere used to this (if you are a girl, you can understand it well) and worse still, this is quite common. We women taught to live in a culture where a good and sensible woman should not complain or re... |
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December 30, 2013, 3:36 pm |
मुखौटा.....मेरी पहचान: 16 में सहमती ... ना बाबा ना: हमारे एक मित्र है .. बाकी हमारे मित्रो की तरह ही ये भी बड़े समझदार और ईमानदार है. दुर्लभ तौर पर समझदार और पेशे से पत्रकार मित्र एक दिन सवे...... |
हमारे एक मित्र है .. बाकी हमारे मित्रो की तरह ही ये भी बड़े समझदार और ईमानदार है. दुर्लभ तौर पर समझदार और पेशे से पत्रकार मित्र एक दिन सवेरे-सवेरे हमसे पूछने लगे आपने व्यंग लिखना बंद क्यों कर दिया ..।अब हमारे मन में कोई चोर तो था नही तो हमने उन्हें सीधे सीधे बता दिया देखिये ह... |
दीदी हमें ऐसे ही पढना है... आप हमे रोज पढ़ाया करो ना.. हमारे गुरु जी रोज कक्षा में नही आते... और अगर आते भी है तो कभी इतना समझा कर नही पढाते... दीदी हम पढना चाहते है... ६ वीं क्लास के बच्चे अचानक से मुझसे जिद्द करके कहने लगे.....रीना- दीदी क्या हम कभी ठीक से नही पढ़ पायेंगे..?( एक लडकी ने ... |
होगी तुमसे ऐसे मुलाकातसोचा न था न गिला शिकवा न कोई शिकायत पर होना होगा दूर ऐसे सोचा न था अनछुआ सा साथवो तेरी अनकही सी बात वो अपनापनऔर ढेर सारा प्यार सब कुछ खत्म होगा ऐसेसोचा न था ... |
देर हुई अब,जाना है-बिना कुछ कहे-सुने ,पढ़ ना पाई तुम्हे ,मै हीशायद ;जाना है -बिना कुछ कहे-सुने ,मत पूछना तुम भी अब कुछ भी ,कुछ ;समान पड़ा हैतुम्हारा;मेरे पास;ना होगा तुम्हारी जानकारी में,अब भी,उसी दराज़में पड़ी है -कुछ यादें तुम्हारीसमय मिले तोले जाना मुझसे,आज यहाँ ,जबबारि... |
हमारे मुहल्ले में एक शर्मा जी है ....क्या कहा..आपके मुहल्ले में भी हैं ...अरे होंगे भाई किसने मना किया है ..ग्लोबलाईजेशन एज है शर्मा जी कही भी पाए जा सकते हैं ...और वैसे भी एक-आध शर्मा और वर्मा जी हर मोहल्ले में अपनी उपस्थति दर्ज कराते अक्सर ही पाए जाते हैं ।...हाँ तो हम कह रहे थे ... |
बहुत दुःख होता हैमुझे,जब तुम कहते हो तुम्हे,याद नही,वो मेरा साथ,वो सुनहरी रात, और;वो अनकही सी बात,जो थीबिलकुल मौन,बिलकुल निशब्द,रात केउस सन्नाटे की तरहजिसमे हम सुन सकते हैअपने ह्रदय की धडकनवो भीबिलकुल साफ़ तुम्हे कुछ भी याद नही,क्या सचमुच,तुम्हे कुछ भी याद नही ..?दुःख हो... |
शहर में मेरे इंसानियत करती सवाल हैकैसे कोई चुराके सबकुछ बन जाता ईमानदार हैकिसी को उसका हक मिलता है जैसे कोई खैरात हैऔर कोई कुछ न करके भी होता मालामाल हैशहर में मेरे इंसानियत हुई शर्मशार हैसरेआम क़त्ल करने वाला घूमता खुले आम हैकानून और इंसानियत यहाँ पैसे की गुलाम हैशह... |
पता नही पहली बार कब किस इंसान ने गिरगिट को रंग बदलते देखकर उसके ऊपर मुहावरा बना दिया होगा। निश्चित तौर पर तो नही बस केवल एक अनुमान ही लगाया जा सकता है कि गिरगिटओ में इस बात को लेकर इंसानों के विरुद्ध विद्रोह जरुर होगा....। लेकिन क्या पता तब इंसान भी इतने रंग न बदलता रहा हो... |
कॉलेज से आकर घर बैठी ही थी कि टी०वी० खोल लिया सोचा थोडा माइंड फ्रेश कर लुं ...... पर ये क्या हर चैनल पर अन्ना का जिन्न है .....आज दिन भर कॉलेज में भी अन्ना ही चर्चा में थे.......। सो अब और सुनने का मन नही हुआ.......। थोड़ी देर चैनल इधर उधर बदले पर कोई फायदा नही हर जगह अन्ना ही अन्ना थे..। व... |
भईया इंटरनेट पर सब कुछ मिलता है बस... एक क्लिक करो............ बहुत कुछ तो फ्री मे ही मिल जाता है अभी कुछ दिन पहले ऐसे ही फेसबुक पर एक बाबा जी से मुलाकात हुई .... ।अरे नही नही .........ग़लत सोच बैठे आप बाबा रामदेव ....नही .....क्या कहा आशाराम बापू ......अरे नही भाई .......उन्हे कहाँ से बीच मे ले आए .....अच... |
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November 9, 2010, 2:41 am |
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