Blog: Fulbagiya |
![]() ![]() (आज 11 मार्च को मेरे पिता स्व० श्री प्रेमस्वरूप श्रीवास्तव जी का जन्म दिवस है।इस अवसर पर उन्हें स्मरण करते हुए उनकी यह कहानी आप सभी पाठकों के लिए।) झुमरू का बेटा  ... Read more |
![]() ![]() वरिष्ठ बाल साहित्यकार और मेरे पिता आदरणीय श्री प्रेमस्वरूप श्रीवास्तव जी ने अपने अंतिम दिनों में अपना दूसरा बाल उपन्यास “मौत से दोस्ती”लिखा था।दुर्भाग्य यह बाल उपन्यास पिता जी के जीवनकाल में प्रकाशित नहीं हो सका था।मुझे इस उपन्यास का शीर्षक “आपरेशन थंडरहि... Read more |
![]() ![]() (आज 31 जुलाई को मेरे पिता जी प्रतिष्ठित बाल साहित्यकार आदरणीय प्रेमस्वरूप श्रीवास्तव जी की पुण्य तिथि है।2016 की 31 जुलाई को ही 87 वर्ष की आयु में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया था।इस बार कोरोना संकट को देखते हुए मैं उनकी स्मृति में कोई साहित्यिक आयोजन भी नहीं कर पा रहा... Read more |
![]() ![]() गांव की पुकारचल बापूअब लौट चलें हमफिर से अपने गांव।बचपन की यदों की गठरीखुलने को बेताबसोंधी माटी दरवज्जे कीक्यूँ खोती अपनी ताबमहुआ टपक रहा सोने सापर खो गई उसकी आब।चल बापूअब लौट चलें हमफिर से अपने गांव।गिल्ली डंडा सीसो पातीछुटपन के सब संगी साथीबूढ़ी गैया व्याकुल नजरे... Read more |
![]() ![]() एक गिलहरीबड़े सबेरे मेरे आंगनएक गिलहरी आतीकिट किट कुट कुटकिट किट कुट कुटअपने दांत बजाती।उसी समय सारी गौरैयाचूं चूं करती आतीनहीं दिया क्यूं दाना पानीफ़ुदक फ़ुदक सब गातीं।झुंड कई चिड़ियों का भीअपने संग वो लातींढकले में पानी पड़ते हीसब मिल खूब नहाती।चावल के दाने मिलते ही... Read more |
![]() ![]() (मेरा यह बालगीत अप्रैल 2004 में नेशनल बुक ट्रस्ट की पत्रिका "पाठक मंच बुलेटिन"में प्रकाशित हुआ था)गर्मी आईजाड़ा गया लो गर्मी आई,बरफ मलाई संग ले आई।दिन छोटे से बड़े हुए अब,रातें हो गईं छोटी,बंदर जी ने सिल बट्टे पर,ठंढाई है घोटी।भालू भी क्... Read more |
![]() ![]() आज प्रतिष्ठित कहानीकार,रेडियो नाट्य लेखक,बाल साहित्यकार, मेरे पिताजी आदरणीय श्री प्रेमस्वरूप श्रीवास्तव जी का 91वां जन्म दिवस है।उन्होंने प्रचुर मात्रा में बाल साहित्य,रेडियो नाटकों के साथ ही साहित्य की मुख्यधारा में बड़ों के लिए भी 300 से ज्यादा कहानियां लिखी हैं जो ... Read more |
![]() ![]() रग्घू काकाफोटो:गूगल से साभार रग्घू काका चाक पे अपनेबर्तन खूब बनातेरंग बिरंगे ढेरों खिलौनेदीवाली पर लाते।रग्घू काका--------।कभी कोई बच्चा मांगे तोमोटर कार बनातेगुड़िया गुड्डे की पूरीबारात उसे दे जाते।रग्घू काका--------।फोटो:गूगल से साभार सब बच्चों के प्यारे काका गुस्... Read more |
![]() ![]() बुद्धि बड़ी या शेर(पंचतंत्र की कहानी “चतुर खरगोश और शेर”पर आधारित कठपुतली नाटक )लेखक:डा०हेमन्त कुमार पात्र :1-नट-नटी 2-सोनू शेर 3-पिंकू खरगोश 4-बन्दर मस्त कलंदर ... Read more |
![]() ![]() आपरेशन थंडरहिट (एक नया अनोखा रोमांच) लेखक-प्रेमस्वरूप श्रीवास्तव2. आज का थका हुआ वाटसन काफी वक्त गुजर चुका था। इस वक्त ने आज वाटसन को थका हुआ और बूढ़ा बना दिय... Read more |
![]() ![]() वरिष्ठ बाल साहित्यकार और मेरे पिता आदरणीय श्री प्रेमस्वरूप श्रीवास्तव जी ने अपने अंतिम दिनों में अपना दूसरा बाल उपन्यास “मौत से दोस्ती”लिखा था।दुर्भाग्य से यह बाल उपन्यास पिता जी के जीवनकाल में प्रकाशित नहीं हो सका था।मुझे इस उपन्यास का शीर्षक “आपरेशन ... Read more |
![]() ![]() (हिन्दी के प्रतिष्ठित बाल साहित्यकार हमारे पिताजी आदरणीय श्री प्रेमस्वरूप श्रीवास्तव जी की आज पुण्य तिथि है।आज 31 जुलाई 2016 को वो हम सभी को अकेला छोड़ गए थे।आज वो भौतिक रूप से हमारे बीच उपस्थित नहीं हैं लेकिन उनकी रचनात्मकता तो हर समय हमारा मार्ग दर्शनकरेगी।मैं आज पित... Read more |
![]() ![]() (हिन्दी के प्रतिष्ठित बाल साहित्यकार हमारे पिताजी आदरणीय श्री प्रेमस्वरूप श्रीवास्तव जी का आज 89वां जन्म दिवस है।वो भौतिक रूप से हमारे बीच उपस्थित नहीं हैं लेकिन उनकी रचनात्मकता तो हर समय हमारा मार्ग दर्शनकरेगी .---ऐतिहासिक व्यक्तित्व“महमूद बघर्रा”के विषय में रोचक ... Read more |
![]() ![]() जाड़ा ताल ठोंक जब बोला,सूरज का सिंहासन डोला,कुहरे ने जब पांव पसारा,रास्ता भूला चांद बिचारा।छिपे सितारे ओढ़ रजाई,आसमान नहिं दिखता भाई,पेड़ और पौधे सिकुड़े सहमे,झील में किसने बरफ़ जमाई।पर्वत धरती सोये ऐसे,किसी ने उनको भंग पिलाई,सुबह हुयी सब जागें कैसे,मुर्गे ने तब बांग लगाई।... Read more |
![]() ![]() दानव से मानव प्रेम स्वरूप श्रीवास्तव वल्लभगढ़ के राजकुमार अक्सर घने जंगल में निकल जाते।उन्हें शिकार का ... Read more |
![]() ![]() (जानकारी) मखमल जैसी वीर बहूटी। बरसात के मौसम में अपने घरों के आस पास,किसी पार्क में हरी घास पर रे... Read more |
![]() ![]() लालच की सजा(तिब्बतकीलोककथापरआधारित)पात्र- नटनटीराजामंत्रीदरबारीकानाबैल(पहरेदार)मछुआमछुआरिनकुछसैनिक।(दृश्य-1)(नक्कारेकीआवाजऔरसंगीतकेसाथमंचपरएकतरफसेएकनटऔरदूसरीतरफसे नटीनाचतेहुएआतेहैं।दोनोंमंचकेबीचोबीचरूकजातेहैंथोड़ीदेरतकसंगीतकीधुनपरथिरकतेरहतेहै... Read more |
![]() ![]() इनाम लेखिका--मोनिका अग्रवाल राम एक बहुत शरारती लड़का था।वहअपनी क्लास में बहुत शैतानी करता और सब बच्चों को भी बहुत परेशान करता था।उसके पापा ने उसे कई बार समझाने की कोशिश की पर वो हँस कर कहता,“मैं जानबूझकर ... Read more |
![]() ![]() दृश्य—5(उसी पार्क का दृश्य।लड़का-1,लड़का-2,और लड़की-1 किनारे बेंच पर उदास बैठे हैं।मंच के दूसरे किनारे(पार्क के दूसरे कोने)पर परी के साथ काली सलमा दीनू खेल रहे हैं।उनके खेलने की आवाज इन बच्चों के पास आ रही जिससे इन बच्चों को झुंझलाहट हो ... Read more |
![]() ![]() दृश्य-3 (उसी पार्क का एक कोना।कोने में जमीन पर काली,दीनू,रामू,सलमा और मल्लिका गुमसुम से बैठे हैं।सभी के चेहरों पर उदासी।पार्क के दूसरे कोने में कुछ बच्चे खेलते हुए भी दिखाई पड़ते हैं।एक तरफ से एक बहुत बूढा,लम्बे बालों वाला थोडा सा डरावना व्यक्ति वहां पर आता है।वह... Read more |
![]() ![]() दृश्य –2 (मंच पर पार्क का दृश्य।शाम का झुटपुटा।एक कोने में लड़का-1,लड़का-2,लड़की-1और कुछ दूसरे बच्चे खेलते दिखाई पड़ रहे हैं।कुछ बड़े लोग एक किनारे खड़े कसरत कर रहे।पार्क के एक तरफ से काली,रामू ,दीनू,मल्लिका और सलमा आते हैं।सब खेल रहे बच्चों के पास जाकर कुछ देर उनका खेल देखते... Read more |
![]() ![]() (मेरे नए बाल नाटक “खुशियों का गांव”का पहला दृश्य) खुशियों का गाँव(बाल नाटक)०डा०हेमन्त कुमार पात्र: 1-काली (गरीब बच्चा)-12 साल 2-रामू(गरीब बच्चा)--11 साल 3-दीनू (ग... Read more |
![]() ![]() ("हमारा कालू"कहानी पिता जी श्री प्रेमस्वरूप श्रीवास्तव जी ने निधन के लगभग दो माह पहले ही लिखी थी।) यही हैं अपने कालू जी अखबार उठाने के लिए पापा ने दरवाजा खोला मगर चौंक उठे।अखबार के पास एक कुत्ता खड़ा था।दुम हिलाता,आंखें मटकाता हुआ। रंग?उसकी ... Read more |
![]() ![]() बांसों के झुरमुट से वंशी,झरनों का कलकल संगीत,सूना जंगल पूछे हमसे,कहां खो गए मेरे गीत।धरती पर से घटता क्यूं जल,दूर दूर ना दिखते बादल,बारिश भी तो पूछे हमसे,कहां खो गए मेरे गीत।कंकरीट के जंगल बीच,गौरैया की सूनी आंखें,पाखी सारे पूछ रहे हैं,कहां खो गए मेरे गीत।सूनी घाटी सूने ... Read more |
![]() ![]() बंद हुए स्कूल सभी जबबच्चों की लग गयी लाटरीकोई छत पर पतंग उड़ाताकथा कहानी किसी को प्यारी।कुछ बच्चों ने बना ली टोलीबांध खिलौने उठा ली गठरीजिनको गाने लगते प्यारेकर दिया शुरू अन्त्याक्षरी।गुड्डे गुड़िया ब्याह रचानेनिकली गांव की बिटिया सारीजो बच्चे रह गये थे पीछेदौड़ पड़... Read more |
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