Blog: डायरी के फूल |
![]() ![]() सात सुर से अलग एक सुर मै रचूँ,बस तुम्हारे लिएबस तुम्हारे लिए.तुम भगीरथ बनोमै बनके गंगा बहूँ बस तुम्हारे लिए बस तुम्हारे लिए चाँद पूनम के तुम बन जा ऐ प्रियेमै रात पूनम बनूँबस तुम्हारे लिए बस तुम्हारेलिएइस धरती की बगियाबहुत है बड़ीमै कली बन खिलीबस तुम्हारे लिए बस तु... Read more |
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