 suryabhan
क्या आप जमालघोंटे का पता जानते है ? क्या कहा हा . अरे भईया तो देर किस बात का कर रहे है. बलाग जगत मे आईये ना हिया एक ठू झोलाचाप कब्ज रोगी बैठा है जो पूरे बलागिस्तान को गन्धवाये है इसको पिलाईये. बलाग्जगत आपके परोपकार को नाही भुलेगा. एक बात अऊर हम बताई ई जवन है बतिया मीठी करता ह... Read more |
 suryabhan
आजकल यदुकुल बम बम है क्यो न हो भाई सारे यदुबंसी गदर जो काटे है. लोग कहते थे कि इक्कीसवी सदी आ रही है धीरे धीरे जाति धरम के आधार पर नही वरन व्यक्तिगत गुणो के आधार पर लोग जाने जायेगे किंतु यहा बलागिस्तान मे हमने देखा कि एक बलागर महोदय (जो प्रतिष्ठित् बलागर दम्पत्ति के पूज्य... Read more |
 suryabhan
आज हम जो नुस्खा बताने जा रहे है उसके लिए कांग्रेसी बलागर और बलागिराओं से माफी. काहेकी तुलसी बाबा ने भे पहले ऐसों खुरापातियों की बंदना की ताकी उनका काम सुचारू ढंग से चल पाए . हां तो साहिबान मै महगाई से तुरत निदान की बात कर रहा हूँ. गर किसी को आपत्ति हो (हो तो ठेंगे से ) तो र... Read more |

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5:27am 2 Jul 2011 #
 suryabhan
कांग्रेस पार्टी ने आजकल बाबा लोगों के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. पर भैये इसे राहुल बाबा नहीं दिख रहे है. अरे भाई चौंके न राहुल जी तो अभी भी बाबा ही है न ही ही ही. ४१ साला बाबा. बाबा वैसे पिता के पिता को कहते है. अपने दिग्गू भाई बोल दिए है की राहुल वह युवा नेता है जिन... Read more |

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6:05pm 21 Jun 2011 #
 suryabhan
मौज मजे के कई रूप रंग होते है जो जन साधारण के आनंद का विषय होते है. किन्तु आज पाठको के वास्ते गाढ़ा मजा पेश कर रहा हूँ मुलाहिजा फरमाइयेगा(न फर्मायेगे तो भी हमार का कर लेगे ही ही ही). ये गाढ़ा मजा तब उत्पन्न होता है जब कोई काम आप आड़ में करते हो. मसलन अभी लखनऊ में ... Read more |

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9:29am 27 May 2011 #
 suryabhan
आज आप लोगों को एक सत्य घटना सुनाता हूँ . एक ठू रहे भूलन एक ठू रही चंचाली. दुन्नाऊ में गहरा प्रेम रहा. भूलन अच्छे अच्छों की मौज ले लेते थे.उनके मौज लेने में कोई बुरा भी नही मानता था. एक दिन चंचाली बड़े लाड में भूलन से बोली, सुनो चौधरी आज एक बात मन में आयी है. तुम सकी मौज लेते ह... Read more |

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9:26am 20 May 2011 #
 suryabhan
बस्ती जिले में एक कहावत है की टरई न टारे मटरुआ चाहे भुईं गड़हा होई जाय. कहावते सार्वभौमिक होती है. चलिए इस कहावत का मतलब बता दें. माने कि हम जहा खड़े है वही खड़े रहेगे चाहे जमीन में गड्ढा क्यों न हो जाय. किसी के हटाये नही हटेगे. ब्लागिस्तान में गड़हा खुद रहा है और मटरू भाई क... Read more |

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5:22am 19 May 2011 #
 suryabhan
वर्तमान युग जबरदस्ती का युग है. पहले के समय में मान मनुहार से लोग काम चला लेते थे. मतलब की मान मनौव्वल से हर काम ठीक ठाक तरीके से निपट जाता था.अब मान तो रहा नही मनौव्वल भी धीरे से सरक लिया. सो भाई लोगो ने जबरदस्ती का फंडा बना डाला. हमारे सुकुल&nb... Read more |

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10:01am 14 May 2011 #
 suryabhan
ब्लागिंग से सम्बंधित एक सर्वे में यह निष्कर्ष सम्मने आया है ....१. कार्यस्थल पर व्यक्ति के पास उपलब्ध नेट का अधिकतम इस्तेमाल ब्लागिंग में किया जाता है फलतः व्यक्ति का सारा ध्यान कार्य की और न होकर ब्लाग और उस प... Read more |

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10:40am 10 May 2011 #
 suryabhan
मेरी यह पोस्ट उन तमाम लोगो के लिए है जिनको बात बात में कब्ज की शिकायत हो जाती है (डाक्टरों का मानना है की कब्ज तनाव की वजह से भी होता है ) अब ब्लाहिंग करना और तनाव का होना एक दुसरे से सम्बंधित है. पोस्ट डाल दी लेकिन एकु कमेंटवा नाही दिख रहा. नतीजा तनाव. लोग मेरी पोस्ट क... Read more |

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6:27am 4 May 2011 #
 suryabhan
दिल्ली में ब्लागिंग पर एक कार्यक्रम क्या हुआ लगा तमाम नालायक लोग पो पो करने लगे हिंदीचिट्ठाकारिता करना ठग्गू के लड्डू जैसा हो गया खाओ तो पछताओ न खाओ तो पछताओ. एक महाशय को गम हो गया बच्चों जैसे मचलते हुए हिंदी ... Read more |

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10:05am 3 May 2011 #
 suryabhan
चटक चिरैया मटक मटक केरोज भोरहरे आतीनन्हे पंखो को फटक फटक केमीठे गीत सुनाती भोर की निंदिया हौले हौले दूर कही उड़ जातीअधखुली फूली आखों से चटक चिरैया ढूंढी जातीवो सपनो से मुझे जगा करअब न कही दिख पातीइतनी दूर जब जाना ही था तो चटक चिरैया क्यों आती... Read more |

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5:30pm 29 Mar 2011 #
 suryabhan
कवि जी कवि वर भये सबदन के वर भये रस छंद जोड़ी लिए लरिकन के आफत भयेअब हम भी पाठको को सताने वाली श्रेणी में शामिल हुए पाठक से परिवर्तन हुआऔर हम लेखक भये ... Read more |

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5:48am 11 Mar 2011 #
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