Blog: मनोज |
![]() ![]() महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की आज जन्म तिथि है। मनोज कुमारजन्म :: 21 फरवरी, 1899मृत्यु :: 15 अक्तूबर 1961 (दारागंज, इलाहाबाद)स्थान ::पश्चिमी बंगाल के मेदिनीपुर ज़िले के महिषादल रियासत में!मूलतः वे उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बांसवाड़ा जनपद के गढ़ाकोला नामक गांव के... Read more |
![]() ![]() वेलेंटाइन डे और … प्रेम-प्रदर्शनमनोज कुमारएक वो ज़माना था जब वसंत के आगमन पर कवि कहते थे,अपनेहि पेम तरुअर बाढ़लकारण किछु नहि भेला ।साखा पल्लव कुसुमे बेआपलसौरभ दह दिस गेला ॥(विद्यापति)आज तो न जाने कौन-कौन-सा दिन मनाते हैं और प्रेम के प्रदर्शन के लिए सड़क-बाज़ार में उतर ... Read more |
![]() ![]() नूतन वर्षाभिनन्दन!!आ गया है साल नूतन,ख़ुशियों की सौगात लेकर,करें इसका मिलके स्वागत जोश और ज़ज़्बात लेकर।याद मन में अपने कर लें, मुस्कुराते बीते कल कोउम्र-भर रोना नहीं, बिगड़े हुये हालात लेकर।आओ नज्मों में मिला लें, सबसे मीठी प्रेम-भाषा,हो ग़ज़ल कामिल हर शै, क़लम और दावा... Read more |
![]() ![]() सुमित्रानंदन पंत की पुण्यतिथि पर ...मनोज कुमारजन्म : 20 मई 1900को अल्मोड़ा जनपद के कौसानी नामक गांव में हुआ था। इन्हें जन्म देने के तुरंत बाद इनकी माता सरस्वती देवी परलोक सिधार गईं। लालन-पालन दादी और बुआ ने किया। उनके बचपन का नाम था गुसाई दत्त। उनके पिता गंगा दत्त चाय बाग... Read more |
![]() ![]() अंतरराष्ट्रीय मानव एकता दिवसमनोज कुमारसारे संसार में 20दिसम्बर को संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्त्वावधान में एकता का संदेश देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानव एकता दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विविधता में एकता के महत्त्व के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है। इस दिन द... Read more |
![]() ![]() 12 नवम्बरराष्ट्रीय पक्षी दिवसमनोज कुमारप्रत्येक वर्ष 12 नवम्बर को भारत के मशहूर पक्षी विज्ञानी और प्रकृतिवादी डॉ. सालिम अली के जन्मदिवस के अवसर पर ‘राष्ट्रीय पक्षी दिवस’ मनाया जाता है। डॉ. सालीम अली का पूरा नाम डॉ. सलीम मोइज़ुद्दीन अब्दुल अली है। वे एक भारतीय पक्षी व... Read more |
![]() ![]() सुदामा पाण्डेय धूमिल के जन्म दिन परजन्म : वाराणसी जनपद के एक साधारण से गांव खेवली में 9नवम्बर, 1936 को।मृत्यु : 10फरवरी, 1975, लखनऊ।शिक्षा : आई.टी.आई.वृत्ति : प्रांतीय सरकारी नौकरीसुदामा पाण्डेय धूमिल का प्रथम काव्य-संग्रह ‘संसद से सड़क तक’ था। इसमें ‘कविता’ शीर्षक रचना अपेक्षा... Read more |
![]() ![]() अन्तरराष्ट्रीय शिक्षक दिवसमनोज कुमारहालांकि ‘शिक्षक दिवस’ विश्व के अधिकांश देशों में अलग-अलग दिन मनाया जाता है, लेकिन 05 अक्टूबर को अन्तरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस या विश्व शिक्षक दिवस संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में मनाया जाता है। 5 अक्टूबर, 1966 को संयुक्त राष्... Read more |
![]() ![]() विश्व पर्यटन दिवसमनोज कुमार27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत वर्ष 1980 में संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन के द्वारा हुई। इसी दिन वर्ष 1970 में विश्व पर्यटन संगठन का संविधान स्वीकार किया गया था।इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि संसार म... Read more |
![]() ![]() रामधारी सिंह ‘दिनकर’ के जन्मदिवस पर ....मनोज कुमारजन्म : रामधारी सिंह दिनकर का जन्म बिहार के मुंगेर (अब बेगूसराय) ज़िले के सिमरिया गांव में बाबू रवि सिंह के घर 23सितम्बर 1908को हुआ था। शिक्षा और कार्यक्षेत्र : ढाई वर्ष की उम्र में पिता जी का देहांत हो गया। गांव से लोअर प्... Read more |
![]() ![]() श्रीकांत वर्मा की जन्मतिथि पर …. कवि, कथाकार, समालोचक एवं संसद सदस्य श्रीकांत वर्मा का जन्म छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में 18 सितम्बर 1931 को हुआ था। प्रारम्भिक शिक्षा के लिए उनका दाखिला बिलासपुर के एक अंग्रेज़ी स्कूल में हुआ था लेकिन वहां का वातावरण उन्हें रास नहीं आया। उन्हों... Read more |
![]() ![]() विश्व ओज़ोन दिवस या ओज़ोन परत संरक्षण दिवसमनोज कुमारयह बड़ी ही चिंता का विषय है कि ओज़ोन परत में ओज़ोन गैस की मात्रा कम हो रही है। इसका मुख्य कारण हम ही हैं। हम लगातार प्रकृति और पर्यावरण का दोहन कर रहे हैं। जंगलों और पेड़-पौधों की अंधाधुंध कटाई कर रहे हैं। हमने प्रकृति का द... Read more |
![]() ![]() आओ हिंदी दिवस मनाऍं- करण समस्तीपुरीस्वाभिमान की भाषा हिंदी। जन मन की अभिलाषा हिंदी। सुंदर इसकी है अभिव्यक्ति। इसमें है सम्मोहन शक्ति। भारत के माथे की बिंदी। पुरस्कार देती है हिंदी। चलो कहीं भाषण कर आएँ। कविता दोहा गीत सुनाएं। आओ हिंदी दिवस मनाऍं।&nbs... Read more |
![]() ![]() विश्व बन्धुत्व और क्षमायाचना दिवसमनोज कुमारआज 14 सितम्बर है। यह दिन विश्व बन्धुत्व और क्षमायाचना दिवस के रूप में प्रति वर्ष मनाया जाता है। पूरी दुनिया एक है। ज़रूरी है कि हम पूरे विश्व के प्रति बन्धुत्व यानी भाईचारे के भाव को विकसित करके वसुधैव कुटुम्बकम् की अवधारण... Read more |
![]() ![]() हे छट्ठी मैय्या,प्रणाम !तब, सज गया सब घाट-बाट? कैसा लग रहा है इस बार हमारे बिना? हम भी आपही की तरह साल में एक ही बार आते थे। कभी-कभी तो कनफ़्युज हो जाते थे कि हमरे माता-पिता, सखा-संगी, अरिजन-परिजन आपकी प्रतीक्षा करते हैं या हमारी। वैसे बात तो एक्कहि है... हमारे आने पर आप आती थी या ... Read more |
![]() ![]() मनोज कुमारआज संसार में हर व्यक्ति किसी न किसी दुख-दर्द से ग्रसित है। रोज़ी-रोटी की चिंता में लोग इस कदर व्यस्त है कि हंसना ही भूल गए हैं। हंसी को दुनिया की सबसे कारगर दवाई माना जाता है। दिल-खोलकर मस्ती बिखेरने वाली हंसी, कष्टों को विदा करने की अचूक दवा है। और खूबी की बात य... Read more |
![]() ![]() प्रश्न पूछो दिवसमनोज कुमारआज अंतरराष्ट्रीय प्रश्न पूछो दिवस (International Ask a Question Day) है। इसका लक्ष्य लोगों को अधिक और बेहतर प्रश्न पूछने के लिए प्रेरित करना है,ताकि वो मिलने वाले उत्तर से लभान्वित हो सकें।एरिक हाफरका कहना था, “भाषा की खोज प्रश्न पूछने के लिये की गयी थी। उत्तर त... Read more |
![]() ![]() अभिव्यक्ति ...!मनोज कुमारमहत्वपूर्ण यह नहीं किज़िन्दगी में आप कितने ख़ुश हैं, बल्कि यह महत्वपूर्ण है कि आपकी वजह से कितने लोगख़ुश हैं।वास्तव में कुछ लोगों की कुछ खास बातें, उनकी कुछ खासअदाएं, उनकी अभिव्यक्ति के कुछ खास अंदाज हमें भरपूर खुशी देते हैं, वहीं कुछ लोगों के हा... Read more |
![]() ![]() अहंकारमनोज कुमारतुलसीदास जीके मानसमें कहा गया है, ‘अहंकार अति दुखद डमरुआ’यानी अहंकार अत्यंत दुख देने वाला डमरुआ (गठिया) रोग है। स्वाभिमान और आत्मसम्मान के नाम पर झूठ-मूठ का अहंकार जगाना बहुतों की आदत होती है।इसको झूठी शान भी कह सकते हैं। यह झूठी शान, और इसका दिखावा क्... Read more |
![]() ![]() आत्मविश्वासकालिदासने कुमारसंभवममें कहा है, ‘प्रायः प्रत्ययमाधत्ते स्वगुणेषूमादरः’अर्थात् बड़े लोगों से प्राप्त सम्मान अपने गुणों में विश्वास उत्पन्न कर देता है। ऐसे लोग वही कहते हैं जो जयशंकर प्रसादजी ने चन्द्रगुप्तमें कहा है, “अतीत की सुखों के लिए सोच क्यों, ... Read more |
![]() ![]() रंगारंग फ़ागुन में...- करण समस्तीपुरीसूना मोरा देस रंगारंग फ़ागुन में।पिया बसे परदेस रंगारंग फ़ागुन में॥छत पर कुजरे काग, कबूतर, कोयलिया,ले जाओ संदेश, रंगारंग फ़ागुन में॥ फ़ूले सरसों गदराया महुआ का तन।बौरी अमराई में भँवरों का गुंजन॥पहिर चुनरिया धानी धरती अँगराईले दुल्ह... Read more |
![]() ![]() फ़ुरसत में ... 122मोती की याद!मनोज कुमारपशु-पक्षियों की भी अपनी भाषा होती है। उनका भी अपना एक संप्रेषण सिद्धान्त होता ही होगा। जब संप्रेषण होगा, तो नामकरण भी वे कर ही लेते होंगे। वैसे तो प्रकृति द्वारा ये जीव स्वतंत्र विचरण और स्वच्छंद जीवन के लिए रचे गए हैं, लेकिन हम मनुष्य... Read more |
![]() ![]() कैसा विकास है...?- करण समस्तीपुरीकैसा विकास है, ये कैसा विकास है?सूखा-सा सावन है, जलता मधुमास है।कैसा विकास है, ये कैसा विकास है??मंगल पर जा बैठे, मँगली को मारते।सरेआम देवियों की इज्जत उतारते।पाकेट में इंटरनेट, घर में उपवास है।कैसा विकास है, ये कैसा विकास है??मानवत... Read more |
![]() ![]() फ़ुरसत में ... 121निराशा ही निराशामनोज कुमारकभी-कभी मेरे दिल में ख़्याल आता है कि मैं निराशावादी होता जा रहा हूं। मुझे पता है कि निराशा बड़ी ख़तरनाक़ चीज़ है। फिर भी, मैं समाज, देश, परिवार के लिए कतई ख़तरनाक़ नहीं हूं। यह बात मुझे संतोष प्रदान करती है। जो आशावादी होते हैं, वे भी तो कभ... Read more |
![]() ![]() गांधी जयंती और स्वच्छता अभियान 1886गांधी जी तब सत्ताइस वर्ष के थे। उन्हें पता लगा कि बम्बई (मुंबई) में ब्यूबोनिक प्लेग की महामारी फूट पड़ी। चारों तरफ़ घबराहट फैल गई। पूरे पश्चिम भारत में आतंक छा गया। जब बम्बई में प्लेग फैला तो राजकोट में भी खलबली मच गई। यह आवश्यक हो गया कि... Read more |
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