 पत्रकार रमेश कुमार जैन उर्फ निर्भीक
परसों (शनिवार की रात) एक चमत्कार हो गया. शाम सात बजे से रात एक बजे तक शीश राम पार्क नामक हमारी कालोनी की बिजली कट गई. कारणों का कोई पता नहीं. मगर रात ग्यारह बजे हमसे अपने बचाव में धारा 302 के तहत एक कत्ल हो गया लेकिन पुलिस ने हमें गिफ्तार नहीं किया. उसने हमारी इच्छा के बिना हम... Read more |
 पत्रकार रमेश कुमार जैन उर्फ निर्भीक
दोस्तों ! हमें अपनी अधिक से अधिक विचार/रचना हिंदी में लिखनी चाहिए थी. आज हिंदी की इतनी बुरी स्थिति खुद उसको चाहने वालों की वजह से है. हिंदी से प्रेम करें, देश का सम्मान करें. मैंने किसी समूह से एक रचना लेकर उस रचना का अनुवाद हिंदी में किया है. जिसको कवि डॉ. विश्वास ने अनेको... Read more |

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9:58am 17 Jul 2012 #
 पत्रकार रमेश कुमार जैन उर्फ निर्भीक
1. भलाई से अगर हो मौत तो जीने से बेहतर है ! बुराई का तो जीना मौत के सदमें से बदतर है !!2. चमन वालों ! अगर तर्जे अमल अपना न बदला तो, चमन बदनाम भी होगा चमन वीरान भी होगा !3. दौर वह आया है, कातिल की सज़ा कोई नहीं ! हर सज़ा उसके लिए है, जिसकी खता कोई नहीं !!4. आह ! जो किसी के दिल से निकाली जाएगी ! क... Read more |
 पत्रकार रमेश कुमार जैन उर्फ निर्भीक
दोस्तों, गौर कीजिए अर्ज किया है कि :- 1. लहरों को शांत देखकर यह मत समझना कि समुन्द्र में रवानी (तेज) नहीं है !जब हम उठेंगे तो तूफ़ान बनके उठेंगे, अब तक हमने उठने की ठानी नहीं है !! 2. फ़रिश्ते भी आसमां से अगर उतर आयेंगे !वो भी सच बोले तो मारे जायेंगे !! 3. हमने काँटों को भी दिल में जगह दी ... Read more |
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