
आकर्षण
चिट भी उसकी, पट उसी की, सब सियासी तौर है।कह रही है कुछ जबां, लेकिन कहानी और है।।था वही, जिसकी इबादत में जहां पाबोस था।और, हम समझे कि दुनिया की खुदाई और है।।मैं सहन करता रहा हंस हंस केसब जुल्मो सितम।वो तो खुद कुछ और, उनकी बेहयाई और है।।नींद गहरी है मगर, अब रात हर बेख्वाब से।ह...
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