Blog: भानमती का कुनबा |
![]() ![]() सब एक से *उस दिन अपनी सहकर्मी नित्या के साथ दुनिया भर गप्पें चल रहीं थीं.इतने में देखा क्या कि भानमती ,खुले दरवाज़े से भीतर चली आ रही है .चेहरा देख कर लगा .कुछ खिसियायी हुई है .नित्या को भी रुचि है मेरी इस निराली सहेली में.मेरे टोकने पर हल्के से मुस्करा दी ' ई तो मरदन की दुन... Read more |
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